Pahadpan Foundation द्वारा ‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ का भव्य आयोजन, उत्तराखंड की संस्कृति और वीरता को समर्पित एक प्रेरणादायक पहल

काशीपुर, 9 मार्च 2025 – उत्तराखंड की गौरवशाली संस्कृति, साहित्य और राज्य प्रेम को समर्पित ‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ का भव्य आयोजन Pahadpan Foundation द्वारा शिवालिक होली माउंट एकेडमी, निझड़ा, काशीपुर में किया गया। इस ऐतिहासिक साहित्यिक और सांस्कृतिक महोत्सव में उत्तराखंड के प्रख्यात कवियों, लोकगायकों, साहित्यकारों और समाजसेवियों ने भाग लिया।

 

राज्य प्रेम से ओतप्रोत कविताओं ने मोहा मन, हर्ष काफर की प्रस्तुति बनी आकर्षण का केंद्र

कार्यक्रम में उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध कवि हर्ष काफर की राज्य प्रेम से भरपूर कविता ने श्रोताओं के हृदय में एक नई चेतना का संचार किया। उनकी कविताओं ने उत्तराखंड की माटी, उसकी संस्कृति और उसकी चुनौतियों को दर्शाया। जैसे ही उन्होंने उत्तराखंड के संघर्ष, गौरव और सपनों को शब्दों में पिरोया, सभागार तालियों की गूंज से भर गया।

इसके अलावा, मयंक शर्मा, गीतू माहेश्वरी, कुमार राघव, काव्या श्री जैन और सुरेंद्र जैन सहित अन्य प्रतिष्ठित कवियों ने भी अपनी ओजस्वी और भावपूर्ण कविताओं से कार्यक्रम को ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया। वीर रस, श्रृंगार रस, और सामाजिक चेतना से जुड़ी कविताओं ने हर वर्ग के श्रोताओं का मन मोह लिया।

संगीत और विचारों का संगम, उत्तराखंड की लोकधुनों से सजी शाम

संस्कार और संस्कृति की इस अनूठी संध्या में उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक अजय मिश्रा और बाल गायक शिवांशु मेहता ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को भावविभोर कर दिया। उनकी लोकधुनों और भावनात्मक गीतों ने उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू से सभी को सराबोर कर दिया।

इसके साथ ही, समाजसेवी और आंदोलकारी आशीष नेगी ने उत्तराखंड की संस्कृति और धरोहर पर प्रेरणादायक भाषण दिया। उन्होंने युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ने और उत्तराखंड की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने का संदेश दिया।

 

गणमान्य हस्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का गौरव

इस साहित्यिक-सांस्कृतिक सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया। इनमें शामिल थे:

 

अमिता लोहानी – पूर्व महिला उपाध्यक्ष, महिला आयोग

 

ममता गोस्वामी – पूर्व सचिव, महिला आयोग

 

बसंत बल्लभ भट्ट – सामाजिक कार्यकर्ता, संस्थापक शिवालिक होली माउंट एकेडमी काशीपुर

 

डा. यशपाल रावत – संस्थापक एवं वरिष्ठ डॉक्टर चामुंडा अस्पताल काशीपुर

मालिनी शर्मा – प्रधानाचार्य, आर्मी स्कूल हेमपुर

 

धनानंद शर्मा – वन पंचायत अध्यक्ष

 

पूर्व सैनिक संगठन – जिन्होंने उत्तराखंड की वीर गाथाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया

 

उत्तराखंड की प्रसिद्ध और लोकप्रिय कलाकार भावना चुफाल की उपस्थिति ने भी इस आयोजन को और खास बना दिया।

 

Pahadpan Foundation की संस्थापक कुसुम लता बौड़ाई ने इस अवसर पर कहा:

“पहाड़ केवल भौगोलिक संरचनाएँ नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सभ्यता, संस्कृति और वीरता की अमर गाथाएँ संजोए हुए हैं। Pahadpan Foundation का उद्देश्य केवल आयोजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि हम उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं, लोक साहित्य और वीर रस की भावनाओं को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि ‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ केवल एक साहित्यिक मंच नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता और गौरवशाली इतिहास को सहेजने का एक प्रयास भी है।

 

सह-संस्थापक आयुष रावत का संकल्प: “उत्तराखंड की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाना हमारी ज़िम्मेदारी”

 

Pahadpan Foundation के सह-संस्थापक आयुष रावत ने इस अवसर पर कहा:

 

“उत्तराखंड की संस्कृति, साहित्य और वीरता की गाथाएँ हमारे समाज की आत्मा हैं। हमारा उद्देश्य केवल इन्हें संरक्षित करना नहीं, बल्कि नई पीढ़ी तक इनकी गूँज पहुँचाना है। ‘शौर्य संवाद किताब और काव्य सम्मेलन’ जैसे आयोजन हमारी जड़ों से जुड़े रहने का एक सशक्त माध्यम हैं।”

 

उन्होंने आगे कहा कि Pahadpan Foundation भविष्य में भी इस तरह के प्रयासों को जारी रखेगा, ताकि उत्तराखंड की पहचान और संस्कृति नई ऊँचाइयों तक पहुँचे।

 

Pahadpan Foundation की भविष्य की योजना: सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को मिलेगा नया मंच

 

Pahadpan Foundation ने इस आयोजन की सफलता को देखते हुए उत्तराखंड की संस्कृति, साहित्य और लोककला को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में और भी कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया है। यह फाउंडेशन उत्तराखंड की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित करने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए समर्पित रहेगा।

इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और वीरता को आगे बढ़ाने का कार्य केवल साहित्यकारों और कलाकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है। Pahadpan Foundation ने इस दिशा में एक सशक्त पहल की है, जो आने वाले समय में उत्तराखंड की पहचान को और सशक्त बनाएगी।

 

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