गांव में वन्यजीव हमलों का कहर:वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीण असुरक्षित

हरिपुर जमन सिंह,चांदनी चौक तीला एवं आस पास के गांव में वन्यजीवों के हमलों ने भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है,बीती रात बाघ एक पालतू कुत्ते को उठा ले गया,और यह कोई पहली घटना नहीं है।

वन विभाग ने गांव में वन्यजीव की उपस्थिति की पुष्टि तो की है,लेकिन अब तक की कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई है।

 

डंडों के सहारे गश्त का नाटक

वन विभाग ने कर्मचारियों को गश्त के नाम पर केवल डंडे थमा दिए हैं, जिससे ग्रामीण ही नहीं,खुद गश्ती दल की सुरक्षा भी खतरे में है,किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने इसे “पूरी तरह से गैरजिम्मेदाराना और लापरवाह रवैया” करार दिया है।

समिति का कहना है कि यह कदम न केवल समस्या को नजरअंदाज करता है,बल्कि उच्च अधिकारियों की असंवेदनशीलता को भी उजागर करता है।

रात 12:10 तक दिखा था आंगन में पालतू कुत्ता

अपनी दुकान बढ़ाकर देर रात घर पहुंचने वाले युवा विनय भट्ट ने बताया कि वह रात लगभग 12 बजे तक हल्द्वानी से घर प्रतिदिन पहुंचते हैं कल भी वह इसी समय आएं कुत्ता उनकी गाड़ी की आवाज सुनकर बाहर दौड़कर आ जाता हैं और फिर खेत में बाथरूम कर कमरे में आ जाता था कल भी ऐसा ही हुआ लेकिन कुत्ता वापस नहीं आया कुछ दिन पूर्व भी बाघ की उपस्तिथि दिखी थी सुबह बाहर देखा तो खेतों में वन्यजीव के होने के निशान मिलें हैं।

 

ग्रामीणों की कीमत नहीं?

ग्रामीणों का आरोप है कि जंगल किनारे की सोलिंग टूट चुकी है, जिससे जंगली जानवर गांव में घुस रहे हैं,वन विभाग के अधिकारी इन टूट-फूट की अनदेखी कर रहे हैं। समिति ने तीखे शब्दों में कहा, “ग्रामीणों की सुरक्षा वन विभाग के लिए प्राथमिकता नहीं है।अधिकारी केवल कार्यालयों में कार्रवाई दिखाने में व्यस्त हैं।”

उच्च न्यायालय तक जाएगा मामला

संघर्ष समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मुद्दा केवल वन्यजीवों का नहीं है,बल्कि ग्रामीणों के जीवन के अधिकार और उनकी सुरक्षा का है। कानूनी सलाह के बाद समिति अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी में है,उनका कहना है कि जब तक उच्च अधिकारी जिम्मेदारी नहीं लेंगे,तब तक यह समस्या बनी रहेगी।

 

वन विभाग को चेतावनी

संघर्ष समिति से किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सोलिंग की मरम्मत, ट्रैप कैमरों की स्थापना, और प्रभावी गश्त शुरू नहीं की गई, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

“ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,अधिकारी अपनी कुर्सियों से उठकर जमीन पर उतरें,”समिति ने तीखे शब्दों में कहा।

 

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