देहरादून: उत्तराखंड के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान के बाद प्रदेशभर में आक्रोश फैल गया है। यह विरोध अब सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त तरीके से उभर रहा है। #बर्खास्त_करो_प्रेमचंदअग्रवाल हजारों लोग फेसबुक, इंस्टाग्राम व व्हाट्सएप पर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर विरोध की लहर
ट्विटर (X): कई ट्वीट्स में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को हटाने की मांग की जा रही है।
फेसबुक: कई ग्रुपों में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जहां मंत्री के बयान को उत्तराखंड की अस्मिता पर हमला बताया जा रहा है।
इंस्टाग्राम: युवा वर्ग स्टोरीज और पोस्ट के जरिए अपने गुस्से का इजहार कर रहा है।
व्हाट्सएप कैंपेन: कई संगठनों ने वीडियो और संदेश शेयर कर लोगों से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा,
“प्रेमचंद अग्रवाल का बयान उत्तराखंड के सम्मान पर चोट है। अगर मुख्यमंत्री धामी उन्हें नहीं हटाते, तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन छेड़ेगी।”
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का भी कड़ा विरोध
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिव प्रसाद सेमवाल ने भी मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा,
“उत्तराखंड की अस्मिता के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त किया जाए, अन्यथा जनता सड़कों पर उतरकर जवाब देगी।”
क्या करेंगे धाकड़ धामी?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की छवि एक मजबूत फैसले लेने वाले नेता की रही है। अब जब सोशल मीडिया और राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ रहा है, तो देखना होगा कि वह प्रेमचंद अग्रवाल को हटाने का फैसला लेते हैं या नहीं।
आने वाले दिन होंगे अहम
बढ़ते विरोध को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले दिन उत्तराखंड की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। यदि सरकार इस मुद्दे को हल्के में लेती है, तो यह आगामी चुनावों में भाजपा के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है। अब देखना यह है कि धाकड़ धामी जनता की आवाज सुनते हैं या मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बचाने का प्रयास करते हैं?
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