सल्ट अल्मोड़ा : उत्तराखंड में प्रस्तावित पंचायत चुनावों को लेकर समाजसेवी परम कांडपाल ने आरक्षण प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी पंचायत चुनाव 2011 की जनसंख्या के आधार पर कराए जा रहे हैं, जो पूर्णतः अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक है।
परम कांडपाल ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब चुनाव आयोग और प्रशासन के पास वर्तमान की यानी 15 साल बाद की नवीनतम वोटर लिस्ट उपलब्ध है, तो चुनाव 2011 की जनगणना को आधार बनाकर क्यों कराए जा रहे हैं? उन्होंने इसे संविधान की मूल भावना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस प्रक्रिया में सुधार नहीं किया गया, तो यह जनप्रतिनिधित्व की निष्पक्षता को प्रभावित करेगा और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष बढ़ेगा।
परम ने सरकार से मांग की है कि वह तुरंत इस विषय पर संज्ञान लेते हुए नई जनसंख्या और वोटर लिस्ट के आधार पर आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करे ताकि लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो सकें और लोगों का व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।
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