हल्द्वानी, 31 जनवरी 2025: जल जीवन मिशन के अंतर्गत हो रही सड़क खुदाई में अनियमितताओं और लापरवाही को लेकर किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति ने कड़ा विरोध जताया है,समिति के संस्थापक ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी को एक पत्र लिखा,जिसमें निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
बिना अनुमति और मानकों के हो रही खुदाई से बढ़ा खतरा
संघर्ष समिति के संस्थापक किसानपुत्र कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत क्षेत्र में पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कों की खुदाई की जा रही है, लेकिन इस प्रक्रिया में न तो सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है और न ही खुदाई के बाद सड़कों को ठीक किया जा रहा है,उन्होंने कहा,
“बिना किसी उचित योजना के सड़कों की खुदाई हो रही है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। ठेकेदार बिना NOC के खुदाई कर रहे हैं और प्रशासन इसकी कोई निगरानी नहीं कर रहा।”
गड्ढों से सड़कें बदहाल, दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा
समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि खुदाई के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़कें पहले से ही जर्जर थीं, अब अनियोजित खुदाई के कारण गड्ढे और बड़े हो गए हैं, जिससे पैदल यात्रियों और वाहन चालकों को खतरा बना हुआ है।
किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति की मुख्य मांगें:
समिति ने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें प्रशासन के समक्ष रखी हैं—
1. सड़क खुदाई की गुणवत्ता की जांच कराई जाए और जल जीवन मिशन के तहत हो रहे निर्माण कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की जाए।
2. ठेकेदार की जवाबदेही तय की जाए और मानकों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. खुदाई के कारण खराब हुई सड़कों की तत्काल मरम्मत कराई जाए ताकि ग्रामीणों को परेशानी न हो।
4. भविष्य में किसी भी निर्माण कार्य से पहले प्रशासनिक अनुमति और सुरक्षा उपायों को अनिवार्य किया जाए ताकि अनियमितता न हो।
जल्द समाधान न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी
संघर्ष समिति के संस्थापक ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे,कार्तिक उपाध्याय ने कहा,
“हम ग्रामीणों और किसानों की समस्याओं की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेंगे, यदि प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, तो हमें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।”
प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल
समिति ने यह भी सवाल उठाया कि जब इतने बड़े स्तर पर जल जीवन मिशन के कार्य किए जा रहे हैं, तो प्रशासन उनकी निगरानी क्यों नहीं कर रहा? स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से जवाबदेही तय करने की मांग की है।
संघर्ष समिति ने आशा व्यक्त की है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेकर आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके और भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोका जा सके।
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