चमोली, 23 जून 2025:
उत्तराखंड में मानसून का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों से मलबा गिरने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। चमोली जिले में सोमवार सुबह पीपलकोटी के पास बेनेरपानी और पागलनाला क्षेत्र में भारी भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एक बार फिर अवरुद्ध हो गया, जिससे सैकड़ों यात्रियों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, रविवार रात से हो रही लगातार बारिश के कारण मार्ग पर भारी मलबा आ गया था। सुबह 7 बजे से एनएचआईडीसीएल की टीम ने मलबा हटाने का कार्य शुरू किया और करीब 9 बजे तक मार्ग को अस्थायी रूप से खोला गया, लेकिन 10:30 बजे के करीब दोबारा भूस्खलन हुआ और हाईवे फिर से बंद हो गया।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में मशीनों के जरिए मलबा हटाने का काम दोबारा आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया गया है। जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, मार्ग को फिर से बहाल किया जाएगा।
यात्रा पर असर:
भूस्खलन के कारण बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की ओर जा रहे और लौट रहे तीर्थयात्री सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। उन्हें रास्ते में ही रोका गया है और फिलहाल प्रशासन द्वारा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहराने की व्यवस्था की जा रही है।
अन्य मार्गों की स्थिति:
नंदप्रयाग–नंदानगर सड़क कांडई पुल के पास बंद
ज्योतिर्मठ–औली, कर्णप्रयाग–गैरसैंण–पांडुवाखाल, ज्योतिर्मठ–मलारी–नीती, और सिमली–थराली–ग्वालदम मार्ग फिलहाल खुले हुए हैं।
भूस्खलन बना स्थायी संकट:
गौरतलब है कि यह इलाका मानसून के दौरान बार-बार भूस्खलन की चपेट में आता है। एनएचआईडीसीएल पिछले छह महीनों से हाईवे के सुधारीकरण का कार्य कर रहा है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र की संवेदनशीलता और लगातार हो रही बारिश के चलते हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रशासन की अपील:
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की जानकारी लेने के बाद ही यात्रा पर निकलें और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। मौसम की गंभीरता को देखते हुए किसी भी प्रकार की जल्दबाज़ी जानलेवा हो सकती है।
चारधाम यात्रा मार्ग एक बार फिर बना चुनौती का सफर।
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