हल्द्वानी : बागेश्वर जिले के कांडा तहसील में खड़िया खनन से उत्पन्न गंभीर समस्याओं और स्थानीय निवासियों के जीवन पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के संबंध में हाल ही में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए सख्त रुख का किसान मंच स्वागत करता है।
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए खनन गतिविधियों पर रोक लगाई, कोर्ट ने जिला खनन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करने और खनन में लगी सभी मशीनों को सीज करने के आदेश दिए हैं।
किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष, किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय, ने इस संदर्भ में कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और खनन माफियाओं की मनमानी के चलते स्थानीय ग्रामीणों को अपने घरों में दरारें और भूमि धंसने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है,हम उच्च न्यायालय के इस निर्णय का पूर्ण समर्थन करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इससे क्षेत्र में अवैध खनन पर पूर्ण विराम लगेगा।”
इसके अलावा, किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा है, “बागेश्वर से खनन होने के बाद, खड़िया व्यापारिक चैन पर भी नजर डालना आवश्यक है। यह व्यापारिक चैन स्थानीय स्तर पर किस तरह संचालित हो रहा है और इसके पीछे कौन से तत्व हैं, जिनके कारण इस खनन गतिविधि में लापरवाही हो रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि खनन का फायदा स्थानीय निवासियों को पहुंचे और यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो।”
किसान मंच ने हमेशा से ही किसानों और ग्रामीणों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह उच्च न्यायालय के आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे और दोषी अधिकारियों एवं खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।
हम सभी प्रभावित ग्रामीणों से अपील करते हैं कि वे धैर्य बनाए रखें और किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें। किसान मंच आपके साथ है और आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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