ऋषिकेश : ऋषिकेश के नटराज चौक के पास देर रात एक भीषण सड़क हादसा हो गया। इस दर्दनाक दुर्घटना में उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेता और राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र पंवार समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे की तीव्रता इतनी अधिक थी कि वाहनों के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए। घटना के बाद क्षेत्र में घंटों तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहाlपुलिस के अनुसार, रविवार देर रात नटराज चौक के पास एक तेज रफ्तार सीमेंट से लदा ट्रक अनियंत्रित होकर वेडिंग प्वाइंट के सामने खड़ी पांच गाड़ियों से टकरा गया। इस जोरदार भिड़ंत में वहां मौजूद कई लोग भी इसकी चपेट में आ गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और संरक्षक, राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सिंह पंवार को तुरंत एम्स ऋषिकेश ले जाया गया।
इस बीच कई लोग सोशल मीडिया के माध्यम से दुख प्रकट किया है और त्रिवेंद्र जी को श्रधांजलि दी है
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष श्री त्रिवेंद्र पंवार जी के एक सड़क दुघर्टना में दिवंगत होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। यह हमारे पूरे प्रदेश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और इस दुःख भरी घड़ी में परिजनों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शान्ति ॐ
मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि त्रिवेंद्र सिंह पंवार जी के दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों, समर्थकों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
विनम्र श्रद्धांजलि !
उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता और किसान मंच के वर्तमान उत्तराखंड अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि
पिछले माह दो दिन लगातार आदरणीय त्रिवेंद्र पंवार जी के पास उनके साथ ऋषिकेश में रहा,दोनों हो दिन लगभग 6 बजे से हमारी राज्य आंदोलन की बातें शुरू हो जा रही थी और लगभग 11 बजे राज्य के वर्तमान दयनीय हालातों पर आकर रुकती।
तांडव रैली के आयोजन से जुड़ी पंवार जी ने मेरी एक एक बात मानी एक एक सुझाव सुना मुझे उस दौरान खुशी मिलती रही कि पूर्व में राज्य का नेतृत्व विधानसभा में कर चुके और उससे पूर्व राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान उनके द्वारा की गई घटना ऐतिहासिक बन गई थी जब उन्होंने देश की संसद में पत्र बम फेंकने की हिम्मत दिखाई,खंडूरी सरकार के दौरान समर्थन के बिंदु राज्य आंदोलन के दौरान हुई अलग अलग घटनाओं को आदरणीय पंवार जी ने मुझे कहानी के रूप में सुनाया हैं।
इस बार तो उनके तेवर और इरादे देखकर महसूस होने लगा था कुछ न कुछ सकारत्मक अब राज्य में देखने को मिलेगा तांडव रैली से एक दिन पूर्व जब मैने उन्हें कहां की आप चुनाव लड़ो तो मुझे सीधा जवाब मिल कार्तिक इस बार मैं तेरे साथ हूं हम दिल से अपने लोगों को चुनाव लड़ाएंगे और उन्हें विधानसभा भेजेंगे जैसे तूने चुनाव नहीं लड़ना वैसे अब मैने नहीं लड़ना,दो दिन पूर्व फोन पर फिर लंबी बात हुई जल्द घर आकर चाय पीने का वादा किया लेकिन दुर्भाग्य….केदारनाथ चुनाव के रिजल्ट के बाद फिर मैने फोन घुमाया अच्छा रहा रिजल्ट बॉबी पर लोग भरोसा कर रहें हमें भी साथ देना चाहिए मैं तो तैयार हूं आपका क्या त्रिवेंद्र पंवार जी मेरा ये कहना उन्होंने कहा हां नौ हजार वोट बहुत होते हैं उन्होंने कहा कार्तिक जो राज्य हित की बात कर रहा है करेगा मैं उसके साथ हमेशा हूं चाहे वह यूकेडी हो बॉबी या कोई और।
मैने अच्छा समय यूकेडी के साथ काम किया सभी से लगभग तर्कसंगत बहसें भी खूब हुई लेकिन मेरी बात यदि किसी ने गंभीरता से ली और लगातार मुझसे संवाद किया तो वह त्रिवेंद्र पंवार जी ही थे,आज पिछले दो महीने में हुई चर्चाएं और बातें ही बहुत हैं क्या क्या लिखूं कैसे लिखूं नहीं समझ आ रहा,एक तरफ राज्य के लिए तो वाकई यह दुखद हैं कि राज्य बनाकर जिस उम्र के पड़ाव पर अब राज्य के भीतर आराम करना था वह आज अचानक सड़क हादसों में दुनिया छोड़ गए, लेकिन मेरे लिए दुख सह पाना अभी अधिक मुश्किल लग रहा क्योंकि लगभग कई समय बाद हम पुनः संगठित होकर राज्य में 2027 चुनाव में प्रतिभाग करने का मन बना चुके थे कई नीतियां तैयार कर रहें थे सब अधूरी रह गई साथ ही वह भू कानून का मेरा ड्राफ्ट जिसे आप मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को पहुंचाने वाले थे।
हमेशा उम्र आंदोलन के अनुभव सामाजिक जीवन के अनुभव में इतने बड़े होने के बाद भी हम ऐसे दोस्त बन चुके थे कि आपको हमेशा दाजू ही बोलता रहा आपने उस शब्द को स्वीकारा भी,आपको अंतिम प्रणाम दाजू।
आपकी कही एक एक बातों की हमेशा ध्यान में रखूंगा और 2027 के लिए जो भी हमने आपस में बात की थी उसपर आपको याद करते हुए पूरी लगन से काम करूं विश्वास दिलाता हूं,आप अब वहां दूर से नज़र रखना मैं भटक तो नहीं रहा।
दूसरी फोटो खींचते समय मैंने कहां था तांडव रैली से बूढ़ा शेर जवान डाई लगवा के हुए हैं अब होगा तांडव ये सब शब्द अब दिमागों में घूम रहें हैं पंवार साहब।
सभी राज्य निर्माण के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों को मेरा प्रणाम कहिएगा,आज भगवान के वहां भी जश्न होगा जानता हूं,उत्तराखंड का शेर आज भगवान के पास पहुंचा हैं।
ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति 💐 🙏
पहाड़पन संस्था की संस्थापक और समाजिक कार्यकर्ता कुसुम लता बौड़ाई ने लिखा की
“राज्य आंदोलनकारी और पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष वर्तमान संरक्षक श्री त्रिवेन्द्र पंवार जी आपको मेरा अंतिम प्रणाम 🙏🏻 23 साल की उम्र में उत्तराखंड के लिए देश की संसद में बम फोड़कर आपने भारत को उत्तराखंड और यहां की बदहाल परिस्थितयों की याद दिलाई, आप शेर थे, हैं और हमेशा रहेंगे । केवल राज्य नही राज्य के हम युवा आंदोलनकारीयों के लिए बहुत बड़ी क्षति है ये । मुझे याद है आपसे कहना की 23 साल की उम्र में आपने संसद में बम फोड़ दिया और मै 24 की होकर केवल रैली ताली ही कर रहे हैं, यही आखरी बात हुई कुछ समय पूर्व, आपने कहा की मै तुम युवाओं से मिलूंगा और राज्य के लिए बहुत कुछ करना है बहुत सी बाते अभी तुमको जाननी है, उक्रांद ने गलती करी है और मै माफी भी मांगता हूं ये भी कहा, तांडव रैली से पहले घर आकर आपका चाय पीकर जाना और वहां पर समझाना अब याद आ रहा है । आप निश्चित ही राज्य देकर गए और आपसे ये वादा है की जब तक राज्य का वो सपना पूरा नही कर देते तब तक रुकेंगे नही । निशब्द हूं, आजएक दौर, एक कहानी खत्म हुई पर शायद राज्य को अभी आपकी जरूरत थी । आप जाते जाते भी दे गए राज्य को और ये केवल आज आंदोलन कर रहा युवा समझ रहा होगा । मेरा सौभाग्य रहा आपसे भेटघाट कर पाई।
हम मर मिटेंगे राज्य के लिए। आप निश्चित होकर जाईए ।
प्रणाम आपको और जय उत्तराखंड”
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