पंचायत चुनाव अपडेट: दो वोटर लिस्ट में नाम वाले प्रत्याशियों के सामने बड़ी मुसीबत, जीत के बाद भी कोर्ट में फंस सकता है मामला

उत्तराखंड | Pahadpan News

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर जारी विवाद के बीच दोहरी मतदाता सूची में नाम रखने वाले प्रत्याशियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने भले ही पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया हो, लेकिन कोर्ट में हुई बहस के दौरान यह साफ हो गया कि जिन प्रत्याशियों के नाम शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, वे पंचायत चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं।

 

उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम की धारा 9(6) और 9(7) के तहत, यदि कोई व्यक्ति दो अलग-अलग मतदाता सूचियों (नगरपालिका और ग्राम पंचायत) में नाम रखता है, तो वह पंचायत चुनाव में न तो मतदान कर सकता है और न ही चुनाव लड़ सकता है।

 

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को अधिनियम का पालन सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी है। अदालत ने आयोग के उस सर्कुलर पर रोक लगाई है, जिसमें दोहरी वोटर लिस्ट वाले व्यक्तियों को पात्र बताया गया था, लेकिन चुनाव प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है।

 

इसका क्या असर होगा?

– यदि ऐसे प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं और जीत भी जाते हैं, तो उनकी जीत को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

– नियमविरुद्ध चुनाव लड़ने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी संभव है।

 

निष्कर्ष:

ऐसे में दोहरी वोटर लिस्ट में नाम रखने वाले प्रत्याशियों के सामने बड़ी कानूनी चुनौती खड़ी हो सकती है। चुनाव जीतने के बाद भी उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है, इसलिए आयोग के निर्देशों और अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है।

 

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