चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। 26 सीटों वाले जिला पंचायत में भाजपा के पास केवल 4 सीटें थीं, कांग्रेस के पास 5 सीटें और 17 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। बावजूद इसके भाजपा ने अद्भुत जोड़-तोड़ और रणनीति से अध्यक्ष पद पर दौलत बिष्ट को 19 मत दिलाए, जबकि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी रमादेवी को केवल 5 मत मिले और 2 मत निरस्त हुए। उपाध्यक्ष पद पर भी भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण खत्री को 15 मत और प्रतिद्वंदी जयप्रकाश को 11 मत मिले।
चुनाव से पहले वायरल हुई तस्वीर ने साफ कर दिया था कि कांग्रेस और निर्दलीयों के कई सदस्य भी भाजपा के दौलत बिष्ट के साथ खड़े हो गए हैं। तस्वीर में 18 सदस्य फ्रेम में और एक फोटो खींचने वाला, यानी कुल 19—जो नतीजों में भी साफ झलक गया।
इस करारी हार के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफ़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण महरा को सौंप दिया है। अपने इस्तीफ़े में उन्होंने लिखा कि पर्याप्त संख्या में कांग्रेस समर्थित सदस्य होने के बावजूद अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पद पर जीत दर्ज न कर पाना उनकी संगठनात्मक विफलता रही, और इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ रहे हैं।
मुकेश नेगी ने पत्र में कहा कि वह आगे भी पार्टी के निष्ठावान सिपाही के रूप में कार्य करते रहेंगे, लेकिन जिले में पार्टी की हार की जिम्मेदारी स्वीकार करना उनका नैतिक कर्तव्य है।
चमोली के इस चुनावी नतीजे ने न सिर्फ भाजपा की जीत सुनिश्चित की, बल्कि कांग्रेस संगठन के भीतर की दरारें भी उजागर कर दी हैं—जहाँ 4 सीटों वाली भाजपा ने विपक्ष के भीतर से ही समर्थन जुटाकर 19 मतों तक का सफर तय किया।
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