चमोली जिला पंचायत चुनाव में नज़ारा कुछ ऐसा रहा मानो राजनीति में कोई जादूगर आ गया हो। भाजपा, जो 26 में से मात्र 4 सीटों पर जीती थी, उसने अध्यक्ष पद पर दौलत बिष्ट के पक्ष में कांग्रेस से लेकर निर्दलीयों तक को लाइन में खड़ा कर दिया। नतीजा—अध्यक्ष पद पर दौलत बिष्ट को पूरे 19 मत, जबकि प्रतिद्वंदी रमादेवी को मिले सिर्फ 5 मत, और 2 मत तो जैसे सोच-विचार में ही निरस्त हो गए।
उपाध्यक्ष पद पर भी भाजपा ने बाजी मार ली। लक्ष्मण खत्री को 15 मत मिले, जबकि जयप्रकाश को 11 पर ही संतोष करना पड़ा।
चुनाव से पहले वायरल हुई एक तस्वीर ने जैसे पूरी कहानी साफ कर दी थी—दौलत के साथ कांग्रेस विचारधारा वाले और निर्दलीय भी खड़े, कुल 18 चेहरे फ्रेम में और एक जो फोटो खींच रहा था, उसे मिलाकर सीधे 19 का आंकड़ा पूरा!
अब इसे राजनीति का करिश्मा कहें, जोड़-तोड़ की मास्टरक्लास या फिर “दौलत” की ताकत—लेकिन हकीकत यही है कि 4 सीट से शुरुआत कर 19 मत तक पहुंचना कोई आम खेल नहीं।
भाजपा के लिए यह न सिर्फ जीत है, बल्कि विपक्ष के लिए एक सबक भी—कभी-कभी कुर्सी का रास्ता विचारधारा से नहीं, बल्कि “सही टाइम पर सही फोटो” से भी निकल जाता है।
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