चमोली (दशोली): उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले चमोली जिले के दशोली ब्लॉक की सल्ला रैतोली ग्राम पंचायत इन दिनों राजनीतिक चर्चा का केंद्र बनी हुई है। वजह है – एक ही परिवार की देवरानी और जेठानी का ग्राम प्रधान पद के लिए आमने-सामने आ जाना।
ग्राम पंचायत की यह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है और इसी को लेकर एक ही घर की दो बहुएं, देवरानी और जेठानी, चुनाव मैदान में उतर आई हैं। ऐसे में ना सिर्फ गांव वाले, बल्कि पूरा परिवार भी असमंजस में है।
किसे दें समर्थन? सास भी परेशान!
परिवार के बुजुर्गों, खासकर सास के लिए यह स्थिति बेहद कठिन हो गई है। वे न तो किसी एक बहू का पक्ष ले पा रही हैं और न ही तटस्थ रहकर पारिवारिक शांति बनाए रख पा रही हैं। स्वजन और ग्रामीणों ने भी बहुत कोशिश की कि परिवार से सिर्फ एक ही सदस्य चुनाव लड़े, लेकिन दोनों महिलाएं अपने फैसले पर अडिग रहीं।
जेठानी बनाम देवरानी – कौन है बेहतर उम्मीदवार?
पूर्व में प्रधान रह चुकीं जेठानी का तर्क है कि उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए योग्य बनाता है, वहीं देवरानी का दावा है कि वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रही हैं और गांव की समस्याओं को लेकर गंभीर दृष्टिकोण रखती हैं।
परिवार के पुरुष भी बंटे
हरेंद्र और नरेंद्र, जो क्रमशः दोनों प्रत्याशियों के पति हैं, अपनी-अपनी पत्नी के प्रचार में जुटे हैं। मगर जहां भी वोट मांगने जाते हैं, लोग उन्हें पहले परिवार की एकता की नसीहत देते हैं और फिर वोट की बात करते हैं। गांव के लोग मानते हैं कि परिवार की आपसी एकता गांव की तरक्की के लिए भी ज़रूरी है।
तीसरी प्रत्याशी भी मैदान में
इस सीट पर कम्यार निवासी आशा देवी पत्नी दिनेश सिंह भी प्रधान पद की दौड़ में हैं, जो परिवार की इस आपसी टकराव से इतर चुनावी समीकरण में तीसरा कोण जोड़ रही हैं।
28 जुलाई को मतदान
आज 28 जुलाई को पंचायत चुनाव के तहत इस सीट पर मतदान होना है। देखना यह दिलचस्प होगा कि ग्रामीण विकास के इस मुकाबले में जीत किसकी होती है – अनुभव, उत्साह या एकजुटता को तोड़ता आत्मविश्वास।
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