कपकोट: बागेश्वर जिले के दूरस्थ गाँव क़ाफ़ली कमेडा में सड़क पुनर्निर्माण, विद्युत आपूर्ति बहाली और संचार सुविधा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की मांग को लेकर 18 फरवरी से जारी क्रमिक उपवास को 12 दिन हो चुके हैं। बावजूद इसके, प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
गुरुवार को उत्तराखंड बेरोज़गार संघ के कुमाऊं संयोजक एवं युवा आंदोलनकारी भूपेंद्र कोरंगा ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया। उन्होंने प्रशासनिक उदासीनता की निंदा करते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर मांगों पर अमल नहीं हुआ तो संबंधित विभागों में तालाबंदी की जाएगी।
भूपेंद्र कोरंगा ने कहा, “ग्रामीणों को उनकी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना शासन-प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”
इस दौरान अधिवक्ता दीपक कोरंगा, चामू देवली सहित अन्य स्थानीय ग्रामीण भी उपस्थित रहे और आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति पर चर्चा की।
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