उत्तरकाशी। उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर ‘वाशिंग मशीन’ मॉडल की चर्चा तेज हो गई है। चार वर्षों तक जिन पर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भाजपा के छोटे-बड़े नेता लगाते रहे, वही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और यमुनोत्री विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी दीपक बिजलवाण अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं।
यमुनोत्री विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बिजलवाण के कथित भ्रष्टाचार को ही मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया था। अब, जिला पंचायत चुनाव में बढ़त हासिल करने के लिए पार्टी ने उन्हें अपने पाले में ले लिया है। राजनीतिक हलकों में इसे ‘सियासी धुलाई’ का ताज़ा उदाहरण माना जा रहा है, जहां पुराने आरोप मानो सदस्यता-पत्र के साथ ही स्वतः धुल जाते हों।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा में शामिल होते ही “महा भ्रष्ट” भी “पवित्र” घोषित कर दिए जाते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “वर्तमान सरकार ने जिन पर इंक्वायरियां बिठाईं, अब वही जिला पंचायत चुनाव में भाजपा के ‘तारणहार’ बन गए हैं।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से 2027 विधानसभा चुनाव में यमुनोत्री सीट पर भाजपा के भीतर नया गुट खड़ा हो सकता है। हालांकि, 14 अगस्त को होने वाले जिला पंचायत चुनाव के नतीजे यह तय करेंगे कि यह एंट्री पार्टी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित होती है या आत्मघाती चाल।
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