नैनीताल, 20 जून 2025 —
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर एक अहम मोड़ सामने आया है। राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनावों में आरक्षण रोटेशन की नई प्रक्रिया लागू करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस संबंध में बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल समेत अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल याचिकाओं पर आज मुख्य न्यायाधीश जी.एन. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनावों के लिए नई नियमावली लागू की, और 11 जून को एक आदेश जारी कर पूर्ववर्ती आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया गया। इससे कई सीटों पर आरक्षण की स्थिति लगातार चौथे कार्यकाल तक एक जैसी हो गई है, जिससे सामान्य वर्ग के लोगों को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिल रहा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से यह भी बताया गया कि हाईकोर्ट पहले ही आरक्षण रोटेशन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। वहीं सरकार की ओर से दलील दी गई कि इस विषय से जुड़े कुछ मामले हाईकोर्ट की एकलपीठ में भी लंबित हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह स्पष्ट किया कि खंडपीठ के समक्ष 9 जून को जारी नियमों को चुनौती दी गई है, जबकि एकलपीठ में केवल 11 जून के आदेश को लेकर याचिकाएं दाखिल हैं।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई की तिथि सोमवार तय की गई है।
यह मामला अब पंचायत चुनावों की प्रक्रिया और समयसीमा पर भी प्रभाव डाल सकता है। सभी की निगाहें अब सरकार के जवाब और कोर्ट के अगले आदेश पर टिकी हैं।
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