बागेश्वर
नगर पालिका अध्यक्ष पद के निर्दलीय प्रत्याशी कवि जोशी ने अचानक अज्ञातवास में जाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन पर, उनके नजदीकी साथियों और अन्य समर्थकों पर लगातार राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है, जिसके चलते उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा।
कवि जोशी ने सोशल मीडिया पर जारी संदेश में कहा, “आज शाम 5 बजे तक मैं अज्ञातवास में रहूंगा। इस दौरान किसी से संपर्क नहीं हो सकेगा, जिसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं।” उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे इस संघर्ष की घड़ी में एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करें, ताकि किसी का हौसला कमजोर न पड़े।
कांग्रेस पर गंभीर आरोप
कवि जोशी ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और स्थानीय मठाधीशों पर तीखे आरोप लगाए,उन्होंने कहा कि पार्टी ने पहले उन्हें टिकट दिया था, लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के दबाव में उनका टिकट काट दिया गया। उन्होंने इसे अपनी “राजनीतिक हत्या और आत्मसम्मान पर हमला” करार दिया।
जोशी ने कहा, “मैंने हमेशा जनता की समस्याओं के लिए संघर्ष किया है,लेकिन कुछ स्थानीय मठाधीशों ने षड्यंत्र रचकर मेरा टिकट काट दिया।”
अज्ञातवास के पीछे कारण और संदेश
राजनीतिक दबाव के बीच कवि जोशी का अज्ञातवास इस बात का संकेत है कि चुनावी रणनीति में हस्तक्षेप और व्यक्तिगत स्वाभिमान को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं और जनता के समर्थन से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं
यह घटनाक्रम कांग्रेस की राजनीति में ऊपरी दबाव और गुटबाजी की समस्या को उजागर करता है,पार्टी के भीतर टिकट वितरण से जुड़े विवाद और स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी,खासकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में, उसके लिए चिंता का विषय बन सकती है।
क्या कांग्रेस इस घटनाक्रम से सबक लेगी,या फिर स्थानीय नेताओं और निर्दलीय उम्मीदवारों के बढ़ते दबाव से उसकी साख पर असर पड़ेगा?
यह देखना दिलचस्प होगा
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