उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। राज्य में सक्रिय न दिख रहे छह पंजीकृत राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दलों पर पिछले छह वर्षों से किसी भी प्रकार के चुनाव में भाग न लेने का आरोप है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, उत्तराखंड ने यह कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार की है। चुनावी प्रक्रिया में निष्क्रियता को गंभीरता से लेते हुए इन दलों से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, अन्यथा उनके पंजीकरण पर कार्रवाई की जा सकती है।
नोटिस पाने वाले दलों की सूची:
1. भारतीय जनक्रान्ति पार्टी
2. हमारी जनमंच पार्टी
3. मैदानी क्रान्ति दल
4. प्रजा मण्डल पार्टी
5. राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी
6. राष्ट्रीय जन सहाय दल
चुनाव आयोग का कहना है कि यह कार्रवाई नियमित समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है। भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर राज्यों में पंजीकृत राजनीतिक दलों की गतिविधियों और सक्रियता की निगरानी करता है। चुनावी प्रक्रिया में लंबे समय तक निष्क्रिय रहने वाले दलों को लेकर आयोग सख्त रुख अपनाने लगा है।
गौरतलब है कि पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद से उत्तराखंड में चुनावी हलचल तेज हो गई है, और इस बीच आयोग की यह कार्रवाई राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
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