बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का गंभीर आरोप, हटाने की उठी मांग,देवभूमि उत्तराखंड की आस्था पर फिर उठा सवाल

नैनीताल/देवभूमि उत्तराखंड:

उत्तराखंड की प्रतिष्ठित बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी पर गंभीर भूमि धोखाधड़ी के आरोप सामने आए हैं। यह आरोप एक स्थानीय नागरिक जयंत सिंह ने लगाए हैं, जिन्होंने बाकायदा लिखित शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल को सौंपते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

 

शिकायतकर्ता के अनुसार, वर्ष 2020 में हेमंत द्विवेदी और उनकी पत्नी ने एक लिखित इकरारनामे के ज़रिए तीन लाख रुपये में भूमि देने का वादा किया था। लेकिन समय बीतने के साथ उन्होंने न केवल वादाखिलाफी की, बल्कि शिकायत करने पर धमकाने की कोशिश भी की। जयंत सिंह का कहना है कि जब उन्होंने भूमि के रजिस्ट्रेशन की मांग की तो उन्हें लगातार टालमटोल और धमकियों का सामना करना पड़ा। बाद में उन्हें पता चला कि जिस भूमि का इकरारनामा उनके साथ किया गया था, वह पहले ही किसी अन्य को बेची जा चुकी थी।

 

पीड़ित का आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव और पद का दुरुपयोग कर आरोपी अब तक बचता आ रहा है, और पुलिस भी निष्क्रिय बनी हुई है। मामले में निष्पक्ष जांच की बजाय प्रशासनिक चुप्पी ने पीड़ित को निराश किया है।

 

मूल निवासी भूमि कानून संघर्ष समिति के संयोजक लुसुन टोडरिया ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है:

 

> “बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं हैं, यह देवभूमि की पवित्रता और मंदिर समिति की साख से जुड़ा मामला है। हेमंत द्विवेदी को तत्काल अध्यक्ष पद से हटाया जाए ताकि श्रद्धालुओं का विश्वास बना रहे।”

 

 

 

अब देखना यह होगा कि सरकार इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाती है और क्या देवभूमि की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होती है या नहीं।

 

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