देहरादून।
उत्तराखंड में सहायक अध्यापक (एलटी) पद पर चयनित 1371 अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है, जिससे चयनित अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। नैनीताल हाईकोर्ट की रोक के बाद जहां नियुक्ति प्रक्रिया ठप पड़ी है, वहीं सरकार की निष्क्रियता और शिक्षा विभाग की लापरवाही ने अभ्यर्थियों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है।
देहरादून स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बाहर चयनित अभ्यर्थी लगातार धरना दे रहे हैं। इस आंदोलन को मूल निवास, भू-कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी का समर्थन मिला है। धरना स्थल पर पहुंचे डिमरी ने कहा, “शिक्षकों की भारी कमी के कारण राज्य के कई स्कूलों में ताले लटक रहे हैं, लेकिन सरकार नियुक्ति देने से बच रही है। पांच हजार से अधिक पद खाली हैं, इसके बावजूद चयनित युवाओं को नियुक्त नहीं किया जा रहा।”
डिमरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामला हाईकोर्ट में लंबित है, लेकिन वहां सरकार की ओर से पैरवी तक नहीं की जा रही। “शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र में एक माह में नियुक्ति का वादा किया था, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।”
धरना दे रही महिला अभ्यर्थियों में कई ऐसी हैं जो अपने छोटे बच्चों को साथ लेकर आई हैं, वहीं कुछ ने अपने नन्हें बच्चों को घर छोड़ कर आंदोलन में भाग लिया है। मोहित डिमरी ने कहा, “यह स्थिति बेहद शर्मनाक है। जब योग्य और मेहनती अभ्यर्थी सड़कों पर हों, तो सरकार को खुद शर्म आनी चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि इन अभ्यर्थियों का चयन यूकेएसएसएससी के माध्यम से हुआ था और उन्हें जल्द नियुक्ति की उम्मीद थी। लेकिन हाईकोर्ट की रोक और सरकार की ढिलाई से उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है।
डिमरी ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि उनका संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा और वे इस लड़ाई में उनके साथ हैं।
“बिना संघर्ष के कुछ नहीं मिलता। जब तक नियुक्ति नहीं होती, यह आंदोलन जारी रहेगा,” ~ मोहित डिमरी
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