देहरादून।
आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज और कार्ड बनाने की प्रक्रिया में हो रही विसंगतियों को लेकर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने प्रेस क्लब में आयोजित वार्ता में कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आम जनता को परेशानी हो रही है, जिससे शासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं।
राशन कार्ड की अनिवार्यता बनी बाधा
शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अब राशन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे कई पात्र लोग इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिनकी मासिक आय ₹40,000 से अधिक या वार्षिक आय ₹5 लाख से ऊपर है, वे राशन कार्ड नहीं बनवा सकते। ऐसे में आयुष्मान कार्ड भी नहीं बन पा रहा है।
उन्होंने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आयुष्मान कार्ड के लिए कोई आय सीमा तय नहीं है, लेकिन राशन कार्ड की अनिवार्यता के कारण इसे अप्रत्यक्ष रूप से सीमित कर दिया गया है। इससे लोग जबरन अपनी आय छिपाने को मजबूर हो रहे हैं।
उत्तराखंड का राजस्व बाहरी लोगों पर खर्च
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संरक्षक सुरेश चंद्र जुयाल ने दावा किया कि उत्तराखंड के मुकाबले उत्तर प्रदेश के लोगों को इस योजना का ज्यादा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 25-26 करोड़ राशन कार्ड हैं, लेकिन केवल 5 करोड़ आयुष्मान कार्ड बने हैं, जबकि उत्तराखंड में कोई सीमा न होने से बाहरी लोग यहां आकर कार्ड बनवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के टैक्सपेयर के पैसे से बाहरी राज्यों के लोगों का इलाज हो रहा है, जिससे प्रदेश के विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है।
निजी अस्पतालों की मनमानी चरम पर
पार्टी ने निजी अस्पतालों पर भी गंभीर आरोप लगाए। सेमवाल ने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को दोयम दर्जे का मरीज माना जाता है, और उन्हें भर्ती करने से पहले 25,000 से 50,000 रुपए तक की जांच करवाई जाती है।
इसके अलावा, सिनर्जी, सीएमआई, कैलाश और मैक्स जैसे बड़े अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड लागू नहीं है, जिससे योजना का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है।
अनुबंध में सुधार की मांग
पार्टी ने कहा कि निजी अस्पतालों से अनुबंध की प्रक्रिया में भी खामियां हैं। जब घोटाले सामने आते हैं, तो आरोपी आसानी से बच जाते हैं, जिससे अपराध दोहराए जाते हैं।
जनता सड़कों पर उतर सकती है
प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि यदि इन विसंगतियों को दूर नहीं किया गया तो जनता का आक्रोश कभी भी सड़कों पर फूट सकता है।
इस अवसर पर राजेंद्र गुसाईं, दयानंद मनोरी, मीना थपलियाल, शांति चौहान, रंजना नेगी समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।
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