“UCC पर सरकार की जल्दबाजी, USF ने कहा – पहाड़ों की परंपराओं की अनदेखी!”

UCC के विरोध में USF ने हल्द्वानी में सौंपा ज्ञापन, सरकार को दी चेतावनी

हल्द्वानी, 30 जनवरी 2025: उत्तराखंड स्टूडेंट्स फेडरेशन (USF) के प्रतिनिधियों ने आज हल्द्वानी में एसडीएम/सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध जताया। छात्र संगठन ने मांग की कि UCC लागू करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस विषय पर सभी समुदायों से व्यापक चर्चा की जाए।

ज्ञापन में उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का हवाला देते हुए कहा गया कि यह संहिता प्रदेश की परंपराओं और जनजातीय पहचान को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, संविधान के अनुच्छेद 25-28 के तहत प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई गई।

छात्र संगठन ने उठाए ये प्रमुख बिंदु:

• सांस्कृतिक पहचान को खतरा: UCC उत्तराखंड की पारंपरिक विविधता को खत्म कर सकता है।

• धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: यह संविधान द्वारा मिले धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है।

• युवाओं की राय को नजरअंदाज किया गया: सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर छात्रों और युवाओं से संवाद नहीं किया है।

छात्रों ने चेताया, होगा बड़ा आंदोलन

ज्ञापन सौंपने के दौरान USF के केंद्रीय अध्यक्ष देवेश सेन समेत कई छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जनता की भावनाओं की अनदेखी की गई, तो छात्र संगठन लोकतांत्रिक तरीके से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।

ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से कमल जोशी, सुंदर आर्य, कुंदन सिंह रावत, सोनू कार्की, सुनील राणा, राहुल बिष्ट, मोहित सिंह, पवन जोशी, गौरी शंकर सिंह बिष्ट और विशाल सक्सेना शामिल रहे।

USF ने साफ किया कि यदि सरकार जल्द से जल्द इस पर पुनर्विचार नहीं करती, तो छात्र समुदाय सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा।

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