श्रीनगर (गढ़वाल), 18 अप्रैल।
उत्तराखंड के चर्चित LUCC घोटाले के खिलाफ़ श्रीनगर में चल रहा आंदोलन शुक्रवार को भावनात्मक और प्रतीकात्मक दोनों रूपों में सामने आया। उक्रांद नेत्री सरस्वती नेगी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने सुबह ही अपने खून से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई।
यह चिट्ठी सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि पीड़ा, आक्रोश और विरोध का प्रतीक बन गई। चिट्ठी उन आंदोलनकारी महिलाओं के खून से लिखी गई थी, जो पिछले कई दिनों से LUCC घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रही थीं।
प्रशासन द्वारा शुक्रवार सुबह इन महिलाओं को मुख्यमंत्री से मिलने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन तय समय पर मुलाकात नहीं कराई गई। इसके विरोध में सभी महिलाएं सड़क पर बैठ गईं और जाम लगा दिया।
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी महिलाओं को हिरासत में ले लिया। घंटों बाद सभी को रिहा कर दिया गया, लेकिन आंदोलनकारियों का आक्रोश और तीव्र हो गया है।
सरस्वती नेगी सुबह ही अपने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि
“साथियों आज हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने हमारे धरने स्थल श्रीनगर पीपल चौरी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के स्मारक पर नारी शक्ति को दो बजे मिलने का अवश्वाशन दिया है यदि नहीं आते हैं तो दो बजे के बाद सभी सम्मानित उत्तराखंड वासी सड़कों पर उतरे ये शासन प्रशासन की आखिरी भूल होगी नारी शक्ति को बेवकूफ बनाने की अब जो भी अनहोनी होगी इसकी जिम्मेदारी हमारे मुख्यमंत्री जी की होगी”
उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच, दोषियों की सार्वजनिक पहचान और शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।
LUCC घोटाले को लेकर अब यह आंदोलन सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता की अस्मिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई में बदलता जा रहा है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह संघर्ष प्रदेशव्यापी जनांदोलन का रूप ले सकता हैं।
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