गौमाता और किसानों की पीड़ा से उपजा संघर्ष,नगर निगम की पहल से आंदोलन स्थगित- संघर्ष समिति

हल्द्वानी।

हल्द्वानी क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में किसान इन दिनों आवारा पशुओं के कारण गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं, ये पशु न केवल फसलों को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि किसानों की आजीविका पर भी गहरा संकट खड़ा कर रहे हैं,इसे लेकर गांव की “किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति” ने हाल ही में 107 किसानों का हस्ताक्षरित ज्ञापन उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को सौंपा। समिति ने चेतावनी दी थी कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे किसान मंच के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे।

समिति ने कल देर रात इस मुद्दे को लेकर एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें बड़े पैमाने पर धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई थी,इस चेतावनी के बाद आज नगर निगम की टीम गांव पहुंची और आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान शुरू किया। नगर निगम की इस पहल के चलते समिति ने फिलहाल अपना धरना स्थगित करने का निर्णय लिया है।

गौशाला निर्माण के लिए गांव से टीन एकत्रित करेगी समिति

समिति द्वारा दिए गए ज्ञापन के बाद यह जानकारी सामने आई कि नगर निगम के पास एक बड़ी गौशाला के लिए भूमि उपलब्ध है,जिसमें लगभग 1000 गायों और बछड़ों को रखने की क्षमता है,लेकिन वहां टिनशेड और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण यह गौशाला उपयोग में नहीं लाई जा पा रही है।

इस स्थिति को देखते हुए संघर्ष समिति ने गौशाला के लिए गांव से टीन इकट्ठा करने का निर्णय लिया है,अगले 15 दिनों तक गांव-गांव जाकर टीन एकत्रित किया जाएगा और फिर इसे उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से नगर आयुक्त हल्द्वानी को सौंपा जाएगा,इस प्रयास का उद्देश्य गौशाला को कार्यशील बनाना और आवारा पशुओं के लिए स्थायी समाधान प्रदान करना है।

समिति ने व्यक्त की गहरी चिंता, समाज से की अपील

संघर्ष समिति के संस्थापक कार्तिक उपाध्याय ने कहा, “आज गौमाता और किसान दोनों ही गहरे संकट में हैं,आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं और गौमाता उचित देखभाल के अभाव में दुर्दशा झेल रही हैं, यह समाज के लिए गंभीर चिंतन का विषय है। हमारी समिति इस मुद्दे को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम ग्रामीणों और समाज से अपील करते हैं कि इस अभियान में सहयोग दें और गौशाला निर्माण में अपना योगदान दें।”

समिति ने किया उपजिलाधिकारी का धन्यवाद

संघर्ष समिति ने उपजिलाधिकारी हल्द्वानी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी पहल से नगर निगम सक्रिय हुआ है। लेकिन समिति ने गौमाता की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताया।

गांव में दिखा आंदोलन का असर

समिति के दबाव और किसानों की एकजुटता का ही नतीजा है कि नगर निगम ने गांव में आवारा पशुओं को पकड़ने का काम शुरू कर दिया है। समिति का कहना है कि यह अभियान केवल शुरुआत है। जब तक गौशाला पूरी तरह कार्यशील नहीं हो जाती और पशुओं को वहां उचित स्थान नहीं मिलता, उनका प्रयास जारी रहेगा।

समिति का संदेश

समिति के बयान के अंत में कार्तिक उपाध्याय ने कहा, “यह केवल गौमाता का मुद्दा नहीं है, यह किसानों और समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है,यदि आज इसे सुलझाने का प्रयास नहीं किया गया, तो भविष्य में यह संकट और विकराल रूप ले सकता है। हम सबको मिलकर इस दिशा में काम करना होगा,ये पूरे समाज की पीड़ा हैं और समाज के बीच अधिकारी वर्ग भी हमें अधिकारियों को समझना आवश्यक हैं बुद्धिजी वर्ग के साथ इस समस्या पर चर्चा की तो पाया जल्दबाजी में इस बड़ी समस्या का स्थाई हल नहीं निकाला जा सकता हैं इसलिए समिति पहले सकारात्मक पहल अधिकारियों के साथ करेगी यहां सफलता नहीं मिली तो आंदोलन की दिशा पकड़ी जाएंगी।

ग्रामीणों की इस एकजुटता और समिति की सक्रियता से यह स्पष्ट हो गया है कि जब समाज किसी समस्या को हल करने की ठान ले, तो कोई भी बाधा असंभव नहीं रह जाती,जागरूकता से सामूहिक समस्याओं का हल संभव हैं।

इस दौरान पूर्व प्रधान ललित मोहन नेगी,कैलाश कुल्याल,तुलसी देवी, भुप्पी मोनी,महिपाल सिंह डसीला,भुवन सिंह नेगी आदि ग्रामीण मौजूद थे।

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