नैनीताल।
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव अब सीधा-सीधा लोकतंत्र के अपहरण का मामला बन गया है। सोमवार सुबह कुछ लोगों द्वारा जिला पंचायत सदस्यों को जबरन गाड़ियों में बैठाकर ले जाने का वीडियो पूरे दिन सोशल मीडिया पर घूमता रहा। कांग्रेस इसे ‘सदस्यों का अपहरण’ बता रही है, जबकि विपक्ष ‘नाटक’ कहकर पल्ला झाड़ रहा है।
हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर तल्ख रुख अपनाते हुए चुनाव दोबारा कराने का आदेश दे दिया है। अब 18 अगस्त को फिर से कुर्सी की जंग होगी। कोर्ट ने पांच लापता सदस्यों का अब तक कोई सुराग न मिलने पर नाराज़गी जताई और प्रशासन को कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।
सदस्यों के परिजन हाईकोर्ट पहुंचकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगा चुके हैं। इस बीच एसएसपी का बयान भी कम दिलचस्प नहीं – उनका कहना है कि उन्हें इस मामले से जुड़ा कोई वीडियो प्राप्त नहीं हुआ है और न ही उन्होंने ऐसा कोई वीडियो देखा है। जबकि सोशल मीडिया पर सुबह से शाम तक यही वीडियो चलता रहा – जैसे सत्ता और प्रशासन की नजर कमजोर हो, लेकिन जनता की आंखें चौकस।
कांग्रेस ने इस फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया, जबकि विपक्ष ने इसे महज सियासी प्रपंच कहा। लेकिन सच चाहे जो हो, इस पूरे प्रकरण ने यह साबित कर दिया कि यहां कुर्सी की लड़ाई में वोट से ज्यादा ‘वैन’ का इस्तेमाल हो रहा है।
पहाड़पन की खबरें आपको कैसी लगती हैं? हमें व्हाट्सएप पर अवश्य साझा कीजिए!
📞 +917409347010
Leave a Reply