उत्तरकाशी जिले के धराली में आई भीषण आपदा ने इंसानियत को झकझोर दिया है। बिहार से रोज़ी-रोटी की तलाश में उत्तराखंड पहुंचे 11 मजदूर मलबे में समा गए। अब तक नौ के शव बरामद हुए हैं, जबकि दो मजदूर अब भी लापता हैं।
सबसे दर्दनाक तस्वीर उस समय सामने आई, जब लापता मजदूरों के परिजनों ने बिना शव के, सिर्फ उनकी तस्वीर के सहारे अंतिम संस्कार किया। घर में मातम पसरा है, बुजुर्ग माता-पिता रोते-रोते बस यही कह रहे हैं — “कम से कम हमारे बच्चों की बॉडी मिल जाए।”
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मजदूर यहां निर्माण कार्य में लगे थे, तभी अचानक आई आपदा की छह लहरों ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया। मलबे और दलदल में दबे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें जुटी हैं, लेकिन तेज़ बहाव और भारी मलवे के कारण बचाव बेहद कठिन हो गया है।
धराली की ये त्रासदी सिर्फ एक गांव या राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक दर्दनाक सबक बन गई है — कि रोज़ी की तलाश में गए बेटों का इंतज़ार कभी-कभी सिर्फ तस्वीर तक ही रह जाता है।
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