सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि फेसबुक या मेटा के नए नियमों से बचने के लिए उपयोगकर्ता को एक विशेष टेक्स्ट कॉपी-पेस्ट करना होगा। इस मैसेज में लिखा है कि ऐसा करने से आपकी फोटो या डेटा कंपनी उपयोग नहीं कर पाएगी।
उत्तराखंड पुलिस ने इस दावे को पूरी तरह फर्जी बताया है और कहा है कि इस तरह के पोस्ट से आपकी प्राइवेसी सेटिंग्स या कंपनी की नीतियों में कोई बदलाव नहीं होता। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से मिली जानकारी पर भरोसा करें।
सूत्रों के अनुसार, यह मैसेज 2012 से अलग-अलग संस्करणों में हर साल वायरल होता है, जिसमें समय और तारीख बदलकर नए रूप में पेश किया जाता है।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस फर्जी दावे का मजाक उड़ाते हुए व्यंग्य भी कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि अगर कॉपी-पेस्ट से नीतियां बदल सकतीं, तो RBI नोटों पर “चोरी की अनुमति नहीं” छाप देता, ATM कार्ड पर “पैसे निकालना मना है” लिखने से चोरी रुक जाती, और मटर के पैकेट पर “पुलाव में डालना मना है” लिखने से मटर खुद सुरक्षा में लग जाती।
सच्चाई यह है कि फेसबुक या व्हाट्सऐप की पॉलिसी सिर्फ उनकी आधिकारिक Terms & Conditions से बदलती है, न कि किसी पोस्ट को कॉपी-पेस्ट करने से। प्राइवेसी बदलने के लिए ऐप की Settings में जाकर बदलाव करना ही एकमात्र तरीका है।
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