13000 करोड़ का दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे और चूहे का बिल: क्या यही है सिस्टम की सच्चाई?

देहरादून | रिपोर्ट

13000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया दिल्ली-देहरून एक्सप्रेसवे, जिसे उत्तर भारत की सबसे आधुनिक सड़कों में गिना जा रहा है, अब सोशल मीडिया पर एक नई वजह से चर्चा में है। वजह है—एक चूहे द्वारा सड़क किनारे बनाई गई सुरंग (बिल), जो एक्सप्रेसवे के निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

 

अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ, और चूहा घर बना गया

इस हाईवे का अभी तक आधिकारिक रूप से उद्घाटन भी नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही चूहों ने इसमें सेंध लगा दी है। वायरल तस्वीरों और वीडियो में देखा गया कि हाईवे के किनारे मिट्टी और निर्माण में दरारें हैं, जहां एक बड़ा चूहा अपना बिल बना चुका है।

 

चूहा मोटा था या सिस्टम कमजोर?

लोगों का सवाल साफ है—क्या यह सिर्फ एक जानवर की हरकत है या सिस्टम की खामियों की पोल खुल गई है? सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। लोग पूछ रहे हैं कि जब 13000 करोड़ खर्च करने के बाद भी एक्सप्रेसवे में जानवर घुस सकते हैं, तो गुणवत्ता पर विश्वास कैसे किया जाए?

 

NHAI और निर्माण एजेंसियों पर उठे सवाल

इस मामले के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और संबंधित ठेकेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का मानना है कि निर्माण की निगरानी और गुणवत्ता जांच सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है।

 

जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों से लेकर देशभर के सोशल मीडिया यूजर्स इस मामले को लेकर खासे नाराज़ हैं। कई यूजर्स का कहना है कि अगर अब चूहे भी निर्माण की मजबूती को चुनौती देने लगे हैं, तो फिर यह देश में विकास की असल तस्वीर दिखा रहा है।

 

टैक्स का पैसा और चूहे का घर — ये है नया निर्माण मॉडल?

लोगों का यह भी कहना है कि जब इतनी बड़ी परियोजना में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो ये न सिर्फ सिस्टम पर चोट है, बल्कि आम जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी भी है।

 

आप क्या सोचते हैं? क्या अब चूहे ही हमारे निर्माण कार्यों की जांच करेंगे?

सोचिए, सवाल कीजिए, और जवाब मांगिए।

 

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