18 जून, बुधवार को उत्तराखंड के त्यूणी थाना क्षेत्र में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने थाने का घेराव किया। मामला सेना के एक जवान के साथ पुलिस द्वारा कथित मारपीट और दुर्व्यवहार का है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बीते दिनों चेकिंग के दौरान त्यूणी थाना पुलिस ने न सिर्फ एक सेना के जवान से अभद्रता की, बल्कि उसे पीटा भी गया। यही नहीं, उस पर दबाव डालकर माफीनामा भी लिखवाया गया।
विधायक प्रीतम सिंह ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यदि एक फौजी के साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार कर सकती है, तो आम नागरिक कितने असुरक्षित होंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के समय पुलिसकर्मी नशे की हालत में थे और अक्सर बाजारों में उत्पात मचाते रहते हैं।
कार्रवाई से असंतोष
हालांकि पुलिस विभाग ने दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है, लेकिन प्रदर्शनकारियों और विधायक प्रीतम सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उचित कानूनी कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे और आवश्यकता पड़ी तो हाईकोर्ट भी जाएंगे।
प्रदर्शन के दौरान थाने के बाहर जमकर नारेबाजी हुई और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जनता ने तीखा आक्रोश जताया।
मुख्य मांगें:
दोषी पुलिसकर्मियों पर सुसंगत धाराओं में सख्त कानूनी कार्रवाई
घटना की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच
पुलिस विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार और दमनकारी रवैये पर लगाम
यह मामला अब राज्य की राजनीति और कानून व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा कर चुका है। देखना होगा कि प्रशासन इस पर आगे क्या रुख अपनाता है।
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