रुद्रप्रयाग हेलीकॉप्टर हादसा: गौरीकुंड के जंगलों में क्रैश, पांच लोगों की मौत, सरकार की नाकामी पर उठे सवाल

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड – चारधाम यात्रा के दौरान एक बार फिर दर्दनाक हादसा सामने आया है। गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाला आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर आज गौरीकुंड-सोनप्रयाग के बीच घने जंगलों में क्रैश हो गया। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

 

हादसे की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। जंगल के दुर्गम इलाके में राहत और बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है। प्रशासन ने घटनास्थल की पुष्टि करते हुए कहा कि बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

 

 लगातार हो रहे हादसों से सरकार की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

यह हादसा कोई पहली घटना नहीं है। पिछले एक महीने में यह पांचवां बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा है — और हर बार सरकार “जांच के आदेश” देकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ती नजर आती है।

 

8 मई 2025: गंगोत्री में हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 यात्रियों की मौत

 

12 मई 2025: बद्रीनाथ में टेक्निकल फॉल्ट से रोटर ब्लेड दुर्घटना

 

17 मई 2025: केदारनाथ में एयर एम्बुलेंस की इमरजेंसी लैंडिंग

 

7 जून 2025: तकनीकी खराबी से सड़क पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग

 

15 जून 2025: गौरीकुंड के जंगलों में आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर क्रैश – 5 की मौत

 

 

इन घटनाओं से साफ है कि सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।

 

 

DGCA की देरी और आधे-अधूरे इंतजाम

लगातार हो रही घटनाओं के बाद DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने हेलीकॉप्टर सेवाओं पर निगरानी बढ़ाने की बात तो कही, लेकिन न तो सुरक्षा मानकों की नियमित जांच हो रही है, और न ही हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों पर सख्त कार्रवाई।

 

उड़ानों की संख्या सीमित करने का फैसला हादसों के बाद आया

 

SOP के उल्लंघन पर केवल कुछ ऑपरेटरों पर कार्रवाई

 

निगरानी के नाम पर सिर्फ कैमरा और कागज़ी निर्देश

 

 

 किसकी जिम्मेदारी है ये लापरवाही?

लाखों की संख्या में आस्था से जुड़े श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर सेवाएं महज कमाई का ज़रिया बनकर रह गई हैं।

 

तकनीकी परीक्षण में लापरवाही

 

प्रशिक्षित पायलटों की कमी

 

पुराने और जर्जर हेलीकॉप्टरों को उड़ान की अनुमति

 

यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता प्रोटोकॉल नहीं

 

 

अब केवल संवेदना नहीं, जवाबदेही भी ज़रूरी

 

हर हादसे के बाद सरकार की तरफ से सिर्फ शोक संदेश आता है, लेकिन कोई जवाब नहीं आता कि यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है? क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा केवल “ईश्वर भरोसे” ही है?

 

 निष्कर्ष

गौरीकुंड में आर्यन एविएशन के हेलीकॉप्टर क्रैश में 5 लोगों की मौत ने एक बार फिर सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

अब जनता को सिर्फ संवेदना नहीं, जवाब और बदलाव चाहिए।

सरकार को जवाब देना ही होगा — वरना हर श्रद्धा यात्रा एक जोखिम यात्रा बन जाएगी।

 

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