देहरादून के मियांवाला का नाम बदलने के फैसले पर विवाद, मूल निवास भू कानून संघर्ष समन्वय समिति ने जताई कड़ी आपत्ति

देहरादून | 4 अप्रैल 2025 – उत्तराखंड सरकार द्वारा देहरादून के मियांवाला क्षेत्र का नाम बदलने के निर्णय का कड़ा विरोध शुरू हो गया है। मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति उत्तराखंड ने इस फैसले को राज्य के मूल निवासियों की सांस्कृतिक पहचान पर हमला करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

 

समिति के संयोजक मोहित डिंमरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर सरकार के इस निर्णय पर गहरी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मियांवाला क्षेत्र का नाम ऐतिहासिक रूप से मूल निवासियों से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसे “मियां राजपूत” जाति के नाम पर बदला जा रहा है, जो स्थानीय समुदाय की भावनाओं के खिलाफ है।

 

“मूल निवासियों की पहचान को मिटाने की साजिश”

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा बाहरी व्यक्तियों की पहचान को बढ़ावा देना उत्तराखंड के मूल निवासियों के ऐतिहासिक योगदान और सांस्कृतिक अस्तित्व को मिटाने का प्रयास है। संगठन ने मांग की है कि उत्तराखंड के स्थानों, मार्गों और स्मारकों के नाम केवल राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, ऐतिहासिक नायकों और स्थानीय महापुरुषों के नाम पर रखे जाने चाहिए, न कि बाहर से आए लोगों के नाम पर।

 

सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी

मूल निवासी संगठन ने स्पष्ट रूप से सरकार को चेताया कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव और जिलाधिकारी देहरादून को भी पत्र भेजकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

 

सरकार के फैसले पर बढ़ता विरोध

उत्तराखंड में नाम परिवर्तन से जुड़े इस विवाद ने अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा को जन्म दे दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या उत्तराखंड सरकार इस जनभावना को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेगी या फिर इस मुद्दे पर विवाद और गहराएगा !

 

पहाड़पन की खबरें आपको कैसी लगती हैं? हमें व्हाट्सएप पर अवश्य साझा कीजिए!

अब पहाड़पन पर आप अपने व्यवसाय का भी प्रचार-प्रसार कर सकते हैं।

📞 +917409347010

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!