हल्द्वानी:-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को गलत टिकट वितरण की रणनीति का नुकसान उठाना पड़ा है। हल्द्वानी वार्ड 54 में पार्टी के बागी उम्मीदवार हरेंद्र बिष्ट ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया।
हरेंद्र बिष्ट,जो पहले भाजपा से जुड़े थे, टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में उतरे। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और ज़मीनी पकड़ ने उन्हें भाजपा और अन्य दलों के उम्मीदवारों पर बढ़त दिलाई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाजपा के लिए एक बड़ा सबक है, टिकट वितरण में गड़बड़ी और जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी से पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो रही है।
हरेंद्र बिष्ट की इस जीत ने न केवल वार्ड 54 बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है। यह घटना संकेत देती है कि स्थानीय नेतृत्व और जनता की पसंद को दरकिनार करना किसी भी पार्टी के लिए महंगा साबित हो सकता है।
भाजपा के लिए यह समय है आत्ममंथन का,ताकि भविष्य में ऐसी चूक से बचा जा सके और संगठन की मजबूती कायम रखी जा सके।
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