देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिससे उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
समिति की सिफारिशों पर आधारित कानून
मुख्यमंत्री ने बताया कि मार्च 2022 में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाई गई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा ने समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया।
महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। अब इस अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने संहिता लागू करने के लिए आधारभूत ढांचे और कार्मिकों के प्रशिक्षण की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
जन सुविधा के लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप
जन सामान्य की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है। इसके माध्यम से पंजीकरण और अपील जैसी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संहिता के प्रावधान लागू करने के लिए सभी सेवाओं को अधिकतम ऑनलाइन रखा जाए और जनता की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” की भावना को साकार करेगा। उन्होंने जोर दिया कि यह कानून विशेष रूप से देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगा और समाज को एक नई दिशा देगा।
जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन उत्तराखंड में शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने इसे राज्य और देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।
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