हल्द्वानी के भाबर क्षेत्र में बीती रोज एक बाघिन के दो शावक एक ग्रामीण महिला को दिखाई दिए थे,जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके और आई और शावकों को 24 घंटे निगरानी में फैसला लिया।
अब आज खबर मिल रही हैं कि बाघिन के दोनों शावकों की प्राकृतिक मौत हो गई हैं अब उसके बाद से पूरे गांव में बाघिन छिपे होने के कारण भय उत्पन्न हो गया हैं,वन विभाग ने शावकों की मृत्यु के तुरंत बाद ही अपनी टीम मौके से हटा ली।
जबकि चारों तरफ से आवासीय प्लॉटों में झाड़ियों के कारण दो परिवार खतरे में हैं।
इसके बाद पहाड़पन को दिए बयान में जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा हैं कि
जो शावक थे उनको प्रकृति ने सुबह मिटा दिया हैं वन विभाग ने जो कार्यवाही उसके बाद की जाती हैं पोस्टमार्ड करा लिया गया हैं,गांव में विभाग लगातार पेट्रोलिंग करेगा गांव जंगल किनारे हैं जानवरों का खतरा रहता हैं,गांव के बीच झाड़ियों के कारण जानवर गांव में प्रवेश कर रहें हैं।
उमेश चंद्र तिवारी
वन क्षेत्राधिकारी
तराई पूर्वी वन विभाग
प्लॉट स्वामियों का नैतिक दायित्व हैं कि वह अपने प्लॉट की सफाई करें अगर मुझे अपने घर की सफाई करने के लिए भी अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ेगा तो यह गलत हैं,लेकिन एक दो परिवार हैं जो बेहद खतरे में आ रहें हैं जांच करने के लिए अधिकारी भेज रहे हैं जल्द उनके पास अधिकारी पहुंच जाएंगे।
उपजिलाधिकारी
हल्द्वानी,नैनीताल
वहीं किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक कार्तिक उपाध्याय ने कहा हैं कि शावकों के मरने के बाद अचानक वन विभाग को पूरी टीम क्षेत्र से नहीं हटानी चाहिए थी बाघिन बच्चों को देखने लौटकर आएगी तो गांव के लोगों के लिए खतरा बनेगी,राजस्व विभाग को झाड़ियां हटाने और वन विभाग को पुनः झाड़ियां साफ होने तक गांव वासियों की सुरक्षा के प्रबंध करने के लिए पत्र लिखा गया हैं।
हल्द्वानी में आबादी के बीच बने आवासीय प्लॉटों में मकान न होने के कारण बड़ी बड़ी झाड़ियों का जंगल बना हुआ हैं यही कारण हैं कि जंगली जानवर अपना घर छोड़कर गांव में प्रवेश कर रहें हैं,अब देखा होगा कब तक राजस्व विभाग और वन विभाग गांव वालो की सुरक्षा के लिए एक्शन मोड में आते हैं
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