नैनीताल, 9 जून:
सोमवार को कैंची धाम मार्ग से जुड़ी एक दुखद खबर ने क्षेत्र में हलचल मचा दी, जब यह सूचना सामने आई कि एक एंबुलेंस जाम में फंस गई, जिससे मरीज की मौत हो गई। कई समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के ज़रिए यह मामला तूल पकड़ता चला गया।
हालांकि, नैनीताल पुलिस ने इस पूरे मामले में सामने आए तथ्यों को साझा करते हुए अफवाहों पर विराम लगाने की कोशिश की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने तुरंत संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए और पुलिस अधीक्षक (क्राइम/यातायात) डॉ. जगदीश चंद्रा को जांच अधिकारी नियुक्त किया।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में क्या सामने आया?
एंबुलेंस शाम लगभग 6:30 बजे खैरना से रवाना हुई।
मरीज को लेकर 8:00 बजे भीमताल अस्पताल पहुंची, जहां करीब 40 मिनट तक इलाज चला।
फिर मरीज को रेफर कर दिया गया और एंबुलेंस ने लगभग 55 मिनट में हल्द्वानी के सेंट्रल हॉस्पिटल तक की दूरी तय की।
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, किसी स्थान पर एंबुलेंस को असामान्य जाम का सामना नहीं करना पड़ा और इलाज में कोई विशेष देरी नहीं हुई।
जांच अभी भी जारी है:
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विस्तृत जांच की जा रही है।
एंबुलेंस चालक,
खैरना व भीमताल अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी,
मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
पुलिस की अपील:
नैनीताल पुलिस ने आमजन और मीडिया से भ्रामक सूचनाओं से बचने और जांच में सहयोग करने की अपील की है।
> “कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें, आधिकारिक जांच के नतीजों की प्रतीक्षा करें।” – नैनीताल पुलिस प्रशासन
यह मामला कैंची धाम जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर ट्रैफिक प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की प्राथमिकता पर भी सवाल उठाता है। पुलिस द्वारा की जा रही विस्तृत जांच से आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी सुधारों की उम्मीद की जा रही है।
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