उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में 2027 में कांग्रेस की सरकार बनती है तो इस मामले की एसआईटी (Special Investigation Team) से निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि साक्ष्य मिटाने वाले हर व्यक्ति को सज़ा दिलाई जाएगी, चाहे वह कोई नेता हो या अधिकारी।
हरीश रावत ने कहा कि कोर्ट ने तो इस मामले में निर्णय दे दिया, लेकिन ईश्वर और इंसान की अदालत अभी बाकी है। यह केवल एक लड़की की हत्या नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की बेटी और हमारी मातृशक्ति का अपमान है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि साक्ष्य न मिटाए गए होते, तो आज दोषियों को कड़ी सज़ा मिल चुकी होती। लेकिन सरकार की लापरवाही और मिलीभगत के चलते इंसाफ में देरी हो रही है। हरीश रावत ने साफ कहा – “2027 में हमारी सरकार बनी तो सबसे पहले अंकिता भंडारी हत्याकांड की एसआईटी जांच होगी और दोषियों को सजा दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने केवल प्रचार किया, लेकिन न्याय दिलाने की ईमानदार कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि पहाड़ों की बेटियां अब चुप नहीं रहेंगी और जनता को न्याय के लिए सत्ता परिवर्तन करना ही होगा।
निष्कर्ष:
हरीश रावत का यह बयान न सिर्फ उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा रहा है, बल्कि अंकिता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गया है। अब देखना होगा कि 2027 में जनता क्या फैसला लेती है।
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