उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रामनगर के मालधनचौड़ और पाटकोट क्षेत्रों में आबकारी विभाग द्वारा खोली गई शराब की दुकानों को बंद करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की रिपोर्ट को सही पाया और दुकानों को दोबारा खोलने के आदेश दे दिए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस नरेंद्र ने मामले की सुनवाई की।
मामले के अनुसार, कारोबारी गणेश दत्त जोशी और अशोक साह ने उच्च न्यायालय में अपनी और दुकानों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि वे आबकारी विभाग के नियमों के तहत वैध लाइसेंस लेकर दुकान चला रहे हैं, लेकिन कुछ संगठनों द्वारा उन्हें दुकानें बंद करने की धमकी दी जा रही है।
याचिका में बताया गया कि आबकारी विभाग ने उन्हें “मालधन हाथी डांगर” क्षेत्र के लिए लाइसेंस जारी किया था, जबकि विरोधियों का कहना है कि दुकानें “मालधन गोपाल नगर” में खुली हैं, जो निर्दिष्ट क्षेत्र नहीं है। इस भ्रम के चलते दुकान के साइन बोर्ड पर लिखा नाम भी विवाद का कारण बना। विरोध में शराब विरोधी संगठनों ने जिलाधिकारी नैनीताल, आबकारी आयुक्त और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कार्रवाई न होने पर संगठनों ने धरना-प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जब तक दुकानों को निर्दिष्ट क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किया जाता, प्रदर्शन जारी रहेगा।
इससे पहले न्यायालय ने राज्य सरकार को मामले की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था, जिसे राज्य सरकार ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
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