हल्द्वानी।
चुनावी परिणाम :
हल्द्वानी नगर निगम मेयर चुनाव में भाजपा के गजराज सिंह बिष्ट ने कांग्रेस के ललित जोशी को 3,894 वोटों से हराया।
गजराज बिष्ट को 71,962 वोट मिले, जबकि ललित जोशी को 68,068 वोट प्राप्त हुए।
ललित जोशी की हार पर चर्चा : हल्द्वानी में भाजपा की जीत के बावजूद, शहर में अधिक चर्चा कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी की हार पर हो रही है।
आम जनता का कहना है कि ललित जोशी ने “चुनाव नहीं, दिल जीत लिया।” इस बयान से यह साफ हो रहा है कि भले ही जोशी चुनाव हार गए, लेकिन उनकी मेहनत और सकारात्मक दृष्टिकोण ने जनता के दिल में खास स्थान बना लिया।
ललित जोशी का बयान :
ललित जोशी ने खुद स्वीकार किया कि उनके अधिकतर वोट रिजेक्ट हो गए थे। उन्होंने इस हार को भी सकारात्मक रूप में लिया और कहा कि उन्होंने चुनाव नहीं जीता लेकिन लोगों के दिलों में जगह बनाई हैं।
रिजेक्ट वोटों की संख्या :
रिजेक्ट वोटों की संख्या जीत के अंतर से भी अधिक रही। यह दर्शाता है कि जनता का समर्थन जोशी के पक्ष में था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से उनके वोट मान्य नहीं हो पाए।
भा.ज.पा. की जीत, निर्दलीय का दबाव : भाजपा ने भले ही मेयर पद पर जीत हासिल की, लेकिन वार्ड चुनावों में उसे निर्दलीय उम्मीदवारों से कड़ी चुनौती मिली। भाजपा ने 50 वार्डों में प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से केवल 19 वार्डों में ही जीत मिली।
चुनावी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता :
रिजेक्ट वोटों और चुनावी परिणामों ने यह सवाल खड़ा किया कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
सही तरीके से वोट गिनने के लिए सुधार जरूरी हो सकता है, ताकि जनता का वास्तविक समर्थन सही रूप से परिलक्षित हो सके।
जनता को वोट से पूर्व प्रचार प्रसार कर वोट देने की प्रक्रिया समझाना बेहद आवश्यक।
सकारात्मक संदेश :
ललित जोशी की हार के बावजूद, उनकी मेहनत, संघर्ष और सकारात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें जनता के दिलों में एक खास स्थान दिलवाया।
निष्कर्ष :
हल्द्वानी में भाजपा की जीत के बावजूद, ललित जोशी की हार पर चर्चा यह साबित करती है कि चुनावी हार के बावजूद जनता का दिल जीतने की शक्ति हमेशा मायने रखती है।
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