“साला पहाड़ी” विवाद पर फूटा गुस्सा: हल्दूचौड़ में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ शवयात्रा और उग्र प्रदर्शन!”

हल्दूचौड़। उत्तराखंड विधानसभा में मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा पहाड़ी समुदाय के लिए कथित तौर पर “साला पहाड़ी” कहे जाने पर प्रदेशभर में विरोध बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में हल्दूचौड़ में पहाड़ी समाज के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

 

इस विरोध प्रदर्शन के तहत गन्ना सेंटर तक प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के खिलाफ श्रद्धांजलि सभा आयोजित की और उनके पुतले का गोमूत्र से शुद्धिकरण कर जूते-चप्पलों से पिटाई की। विरोध प्रदर्शन इतना तीव्र था कि प्रदर्शनकारियों ने आधा जलाकर पुतले को नाले में फेंक दिया, यह संदेश देते हुए कि जब तक मंत्री सार्वजनिक रूप से नाख रगड़कर माफी नहीं मांगते, तब तक उनका पुतला भी विधिवत अंतिम संस्कार का हकदार नहीं होगा।

 

“माफी नहीं तो उग्र आंदोलन” – प्रदर्शनकारियों की चेतावनी

सामाजिक कार्यकर्ता पीयूष जोशी ने इस मौके पर कहा,

“अगर उत्तराखंड पहाड़ी प्रदेश नहीं है, तो फिर इसे विशेष राज्य का दर्जा क्यों दिया गया? हजारों पहाड़ी शहीदों ने इस राज्य के लिए बलिदान दिया, और अब उसी समाज को अपमानित किया जा रहा है, जिसे किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा।”

 

मोहित बमेठा ने कहा कि विरोध इसलिए रुका था क्योंकि उम्मीद थी कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सार्वजनिक माफी मांगेंगे, लेकिन उन्होंने केवल खेद प्रकट किया। उन्होंने साफ कहा कि अगर मंत्री इस्तीफा नहीं देते, तो पहाड़ी समाज उग्र आंदोलन करेगा।

 

“अब सिर्फ माफी नहीं, इस्तीफा भी चाहिए”

ग्राम प्रधान हरेंद्र असगोला ने कहा कि जब तक मंत्री सार्वजनिक रूप से सदन में माफी नहीं मांगते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, ग्राम प्रधान रमेश जोशी ने कहा कि मंत्री ने सिर्फ पहाड़ियों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का अपमान किया है, और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

कवि योगेश बहुगुणा ‘योगी’ ने कहा कि अगर मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल माफी नहीं मांगते और भाजपा उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाती, तो यह आंदोलन और तेज होगा।

 

आंदोलन का होगा विस्तार

विरोध सभा में मौजूद छात्र नेता राजा धामी ने कहा कि यह सिर्फ अस्थायी आक्रोश नहीं, बल्कि पहाड़ी समाज की अस्मिता और सम्मान की लड़ाई है, जो आगे भी जारी रहेगी।

 

इस विरोध प्रदर्शन में दर्जनों स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें हरेंद्र असगोला, मोहित बमेठा, हेमवती नंदन दुर्गापाल, रमेश जोशी, महेश बिष्ट, दीपचंद शर्मा, आर. के. बिष्ट (पूर्व सैनिक), रमेश तिवारी, नीरज बमेठा, सुन्दर सिंह बिष्ट, विनोद भट्ट और योगेश बहुगुणा प्रमुख थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ एंकर रिंपी बिष्ट ने किया।

 

अब आगे क्या?

प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल इस्तीफा नहीं देते और माफी नहीं मांगते, तो यह आंदोलन पूरे उत्तराखंड में फैलाया जाएगा और विरोध अधिक तीव्र होगा।

 

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