विधानसभा जा रहे भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी और साथियों को पुलिस ने रोका, सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

देहरादून।

उत्तराखंड में मूल निवास, भू-कानून, दिल्ली की तर्ज पर फ्री बिजली-पानी और 2022 के चुनावी वादों को पूरा करने की मांग को लेकर विधानसभा जा रहे मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी और उनकी टीम को पुलिस ने रिस्पना के पास बैरिकेडिंग कर रोक दिया। समिति ने आरोप लगाया कि वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मिलकर अपनी मांगें रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। समिति ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो आर-पार की लड़ाई छेड़ी जाएगी।

 

संघर्ष समिति ने सिटी मजिस्ट्रेट को भू-कानून का ड्राफ्ट और भाजपा का 2022 का दृष्टिपत्र सौंपा। संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि मूल निवास पर विधानसभा सत्र में चर्चा होनी चाहिए और भू-कानून जनहित में होना चाहिए। यदि यह भू-माफियाओं के पक्ष में बनाया गया तो कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने यूसीसी में एक साल के स्थायी निवास और लिव-इन रिलेशनशिप के प्रावधान का भी विरोध किया।

 

विधायकों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी पर उठाए सवाल

मोहित डिमरी ने विधानसभा सत्र में विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन-भत्ते व पेंशन बढ़ाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार सिर्फ अपने विधायकों के ऐशो-आराम के लिए ही सत्र बुला रही है? उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कर्मी, भोजन माताएं, उपनल कर्मचारी, पुलिस जवान, पीआरडी और गुरिल्ला संगठन अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही।

 

डिमरी ने भाजपा के 2022 के दृष्टिपत्र को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने 90% वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने बेरोजगार युवाओं के लिए मुख्यमंत्री प्रशिक्षु योजना, सीएम किसान प्रोत्साहन निधि, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, ब्लॉकों में व्यावसायिक कॉलेज, और पूर्व सैनिकों के लिए जनरल विपिन रावत क्रेडिट गारंटी फंड जैसी अधूरी घोषणाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।

 

उत्तराखंड में भी दिल्ली जैसी फ्री बिजली-पानी की मांग

मोहित डिमरी ने कहा कि दिल्ली की जनता को फ्री बिजली-पानी मिल रहा है, तो उत्तराखंड की जनता को यह सुविधा क्यों नहीं? उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली उत्पादन के बावजूद उत्तराखंड की जनता को महंगी दरों पर बिजली बेची जा रही है और पानी के भंडार होने के बावजूद लोग ऊंचे बिल भरने को मजबूर हैं। उन्होंने दिल्ली की महिला समृद्धि योजना की तर्ज पर उत्तराखंड की महिलाओं को 2500 रुपये देने की भी मांग की।

 

संघर्ष समिति ने ये भी स्पष्ट किया कि सरकार ने यदि जनता की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में संघर्ष और तेज किया जाएगा।

 

इस विरोध प्रदर्शन में संघर्ष समिति के विनोद चौहान, अनिल डोभाल, पंकज उनियाल, विपिन नेगी, गौतम राणा, निरंजन चौहान, देवेंद्र बेलवाल, बॉबी रांगड़, हिमांशु रावत, सुदेश भट्ट, आशीष नौटियाल, सुमित थपलियाल, मनिंदर बिष्ट, ललित श्रीवास्तव, विनोद पोखरियाल, गौरव कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।

 

 

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