वाह उत्तराखंड सरकार शहीद स्मारक पर ही जड़ दिया ताला और लगा दी उत्तराखंड पुलिस,आंदोलन से मिले राज्य में आंदोलन अब अपराध

देहरादून :

उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसे अलग राज्य बनाने के लिए उत्तराखंड के मूल निवासियों ने एक लंबा जन संघर्ष किया लगातार आंदोलन हुए उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने जो कुर्ता आंदोलनकारी पर की थी उसे उत्तराखंड के भीतर खाली इतिहास के रूप में लिखा और पढ़ा जाता है लेकिन आजादी के बाद भी अपने अधिकारों का हनन होते हुए देखने वाले पर्वत वासी किसी कुर्ता से नहीं डरे और लगातार आंदोलन करते रहे इन पर्वत वीडियो के लिए 9 नवंबर 2000 के रूप में एक शुभ दिन आया और उत्तराखंड एक अलग पार्वती राज्य बना
लेकिन अलग राज्य बनने के बाद भी देवभूमि में रहने वाले उत्तराखंड के मूल निवासियों का दुर्भाग्य कहें या फिर यह मूल निवासी जी उत्तराखंड की राष्ट्रीय पार्टियों की राजनीति का शिकार हुए हैं उसकी बात करें तो जिन उद्देश्यों से इस अलग राज्य उत्तराखंड की मांग की गई और जिस राज्य को बनाने के लिए 42 आंदोलनकारी ने जिसमें महिला आंदोलनकारी भी शामिल हैं अपनी शहादत हिंदी के बाद भी आज उत्तराखंड का पार्वती समाज उन्हीं मुद्दों के लिए आंदोलन कर रहा है

जब उत्तराखंड अलग राज्य बना आंदोलन चल रहा था तो उसे दौरान तो पार्वती समाज से अलग सत्ता में बैठे हुए राजनीतिक आंदोलनकारी को प्रताड़ित किया गया बलात्कार किए गए हत्याएं की गई परंतु राज्य बनने के बाद अब जब उन्हें मुद्दों पर आज पार्वती समाज के युवा और अन्य वर्ग आंदोलन कर रहे हैं तो दुर्भाग्य है कि सत्ता में आज पार्वती समाज के ही लोग बैठे हैं यहां तक की मुख्यमंत्री भी पार्वती समाज के ही हैं मुख्य सचिव भी पार्वती समाज की है लेकिन पार्वती समाज के आंदोलनकारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा उत्तराखंड पुलिस का कुछ ऐसा इस्तेमाल किया जा रहा है कि मानो ऐसा लग रहा है आंदोलन और शहादतों से मिले राज्य में अब आंदोलन करना अपराध बन गया है यही नहीं उत्तराखंड में पिछले डेढ़ वर्ष से भू कानून मूल निवास संघर्ष सामान्य समिति का गठन कर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मोहित धीमरी ने आज संविधान दिवस से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भू कानून मूल निवास को लेकर देहरादून के शहीद स्मारक में करने का मन बनाया तो शहीदों के स्मारक के बाहरी सरकार द्वारा सरकारी ताला जड़ दिया गया है और बाहर अपनी पुलिस लगा दी गई है।

यदि उत्तराखंड में कुछ ऐसा ही चला रहा तो उत्तराखंड में वह दिन दूर नहीं जब राज्य की सरकार के खिलाफ प्रत्येक पार्वती समाज का नागरिक सड़कों में रह होगा और उसे दिन क्या भयानक स्थिति राज्य की होगी यह चिंता का विषय है, आगे आंदोलन में क्या-क्या होता है पहाड़पन से जुड़े रहिए हम प्रत्येक अपडेट हर आंदोलन की आप तक पहुंचाते रहेंगे।

खबर लिखे जाने तक जानकारी ये मिली है कि नमन चंदोला और लुसुन टोडारिया एवं अन्य छत पर चड़ गए थे जिन्हे पुलिस प्रशासन गिरफ्तार कर लिया गया है

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