रिपोर्ट : पीयूष कंडारी (रुद्रप्रयाग)
रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): जनपद के मयाली क्षेत्र के जंगलों में वन विभाग की टीम ने एक तेंदुए को मार गिराया है, जिसे विभाग ने कथित रूप से ‘आदमखोर’ घोषित किया है। विभाग का कहना है कि यह तेंदुआ मानव जीवन के लिए खतरा बन चुका था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक नहीं आई है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मारा गया तेंदुआ वास्तव में आदमखोर था या नहीं।
इस बीच, स्थानीय लोगों ने गहरी शंका जताई है। उनका कहना है कि मारा गया तेंदुआ संभवतः निर्दोष था, और वन विभाग ने बिना ठोस सबूतों के जल्दबाज़ी में कार्रवाई की है। लोगों ने विभाग की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए यह भी पूछा है कि जब तेंदुए को मयाली के जंगल में मारा गया, तो पोस्टमार्टम जखनी रेंज में ही क्यों नहीं किया गया? शव को चंद्रपुरी ले जाने की आवश्यकता क्या थी?
इस घटना के कारण मयाली बाजार में भीषण जाम की स्थिति बन गई। तेंदुए के शव को ले जाने और विभागीय कार्रवाई के कारण हजारों लोग घंटों तक फंसे रहे। महिलाएं, बुजुर्ग और दिहाड़ी मजदूर चिलचिलाती धूप में सड़कों पर बैठने को मजबूर हो गए।
सबसे चिंता की बात यह है कि आस-पास के क्षेत्रों में इन दिनों कथित आदमखोर तेंदुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ हफ्तों में जानवरों द्वारा इंसानों पर हमलों की खबरें सामने आई हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। लोगों का कहना है कि विभाग को सटीक पहचान और वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाते हुए ही कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि निर्दोष वन्यजीवों को नुकसान न पहुंचे और असली खतरे को सही तरीके से रोका जा सके।
अब सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विभागीय स्पष्टीकरण पर टिकी हैं। यह रिपोर्ट यह तय करेगी कि वन विभाग की यह कार्रवाई वास्तव में एक आवश्यक कदम थी या फिर जल्दबाज़ी में लिया गया फैसला।
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