नैनीडांडा, पौड़ी गढ़वाल:
उत्तराखंड के रिखणीखाल क्षेत्र में एक हृदय विदारक हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। 26 वर्षीय युवक की बिजली का पोल ठीक करते समय करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद जब मां ने अपने बेटे का शव पहली बार बाहर ही देखा, तो सदमे में उसने मौके पर ही ज़हर खा लिया। महिला को गंभीर अवस्था में कोटद्वार अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
मृतक युवक बिजली विभाग के लिए अनौपचारिक रूप से कार्य कर रहा था, और उसे बिना किसी सुरक्षा उपकरण या मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण के, एक खतरनाक व जर्जर पोल पर मरम्मत के लिए चढ़ाया गया। काम के दौरान हाई वोल्टेज करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
शव को जब घटनास्थल से हटाया जा रहा था, तभी मां ने दूर से अपने बेटे का शव देखा और वहीं पर सदमे में ज़हर खा लिया। ग्रामीणों ने तत्काल महिला को संभाला और कोटद्वार बेस अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
विधायक महंत दिलीप रावत का सिस्टम पर तीखा हमला
घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत ने बिजली विभाग की लापरवाही को “सिस्टम की हत्या” करार देते हुए कहा:
“बिना सुरक्षा के युवक को खंभे पर चढ़ाना सीधा अपराध है। ये सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक जीवन की कीमत से खेलने वाला सिस्टम है। अब सिर्फ जांच से नहीं, जवाबदेही से बात बनेगी।”
उन्होंने UPCL पर आरोप लगाते हुए कहा की UPCL सेवा विस्तार के नाम पर मेवा खा रही हैं और अपना कार्य सही से नही कर रहे है।
क्षेत्र में मातम और गुस्सा
वहीं इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा बिना सुरक्षा इंतज़ामों के वर्षों से अस्थायी मजदूरों से काम करवाया जा रहा है, और अब उसकी कीमत एक परिवार ने अपने बेटे की जान और मां की ज़िंदगी से चुकाई है।
अब सवाल यही है…
क्या बिजली विभाग की लापरवाही पर होगी कोई सख्त कार्रवाई?
क्या इस परिवार को मिलेगा इंसाफ?
क्या उत्तराखंड का सिस्टम अब भी सोता रहेगा?
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