हल्द्वानी।
हल्द्वानी में रिंग रोड का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। नगर निकाय चुनाव खत्म होते ही प्रशासन ने रिंग रोड परियोजना को आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं, जिससे प्रभावित ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश बढ़ गया है।
पहले भी हो चुके हैं आंदोलन
रिंग रोड के विरोध में पहले भी दो बड़े आंदोलन हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस परियोजना से उनकी जमीनें अधिग्रहित होंगी, जिससे उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। इसके बावजूद विभाग फिर से फीता लेकर पहुंच चुका है, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है।
ग्रामीणों में भय और आक्रोश
स्थानीय लोगों को डर है कि प्रशासन जबरन भूमि अधिग्रहण कर सकता है। इससे कई परिवार बेघर हो सकते हैं और उनकी खेतीबाड़ी प्रभावित हो सकती है। ग्रामीणों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है और सरकार से परियोजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
रिंग रोड के विरोध में बनी संघर्ष समिति का बयान
किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति के संस्थापक किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय ने बताया कि वह इस समय पर्वतीय क्षेत्रों के दौरे कर हैं और इसी बीच अचानक पूरनपुर क्षेत्र से एक ग्रामीण ने कॉल कर बताया हैं कि रिंग रोड के लिए फिर से सर्वे करने वाले चुप चाप गांव में घुसे हैं और कोई जिम्मेदार अधिकारी साथ नहीं आया हैं,ग्रामीणों में फिर से मकान संपति आदि खोने का भय होने लगा हैं,जल्द लौटकर पीडब्ल्यूडी विभाग से मिला जाएगा
प्रशासन की दलील
प्रशासन का कहना है कि रिंग रोड से हल्द्वानी की यातायात समस्या का स्थायी समाधान होगा और विकास को गति मिलेगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह परियोजना उनके हितों के खिलाफ है और बिना उनकी सहमति के इसे लागू करना अनुचित होगा।
अब देखना होगा कि क्या प्रशासन इस बार भी विरोध को नजरअंदाज करके आगे बढ़ेगा, या फिर ग्रामीणों की मांगों पर विचार किया जाएगा।
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