हल्द्वानी फोर लेन रिंग रोड परियोजना को रद्द करने मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानपुत्र कार्तिक उपाध्याय से सभी प्रभावित किसानों,प्रधानों और ग्रामवासियों ने किनारा कर लिया हैं,उनके युवा साथी भी अब आंदोलन में उनके साथ नहीं हैं।
लेकिन आंदोलनकारी किसान पुत्र के हौसलों में फिर भी कोई कमी नहीं आई हैं उन्होंने पहाड़पन से बात करने पर बताया कि हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना से पूरे गांव उजड़ने हैं और इस परियोजना में सबसे अधिक प्रभावित परिवार उनका ही हैं,गांव के भीतर से आंदोलन में पहुंचे लोग बता रहें हैं कि कई गांव के किसान मुआवजे के बदले अपने पूर्वजों के खेत देने का मन बना चुके हैं,लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह अब अकेले आंदोलन का नेतृत्व करेंगे और अकेले ही धामी सरकार को झुकाएंगे आज नहीं तो कल खेतों से इस परियोजना को रद्द कर ही दम लेंगे इसके लिए यदि प्राण भी अकेले त्यागने पड़े तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
इसके लिए आंदोलनकारी किसान पुत्र उपाध्याय द्वारा सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील के लिए एक ज्ञापन तैयार कर धरना स्थल पर रखा गया था जिसके बाद कांग्रेस और यूकेडी कार्यकर्ता तो आमंत्रण ज्ञापन लेकर चले गए हैं लेकिन दुर्भाग्य का विषय हैं कि गांव में भाजपा सत्ता में होने के बाद भी उनका एक कार्यकर्ता नहीं हैं जो समिति का पत्र अपने प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचा दे यही कारण हैं कि गांव के बीच सरकार सड़क बनाने की हिम्मत दिखा रही है।
हालांकि आंदोलनों की बात की जाएं तो हमेशा यह देखा गया हैं राजनीति आंदोलन को कमजोर करती हैं और गांव की राजनीति किताबी ज्ञान और बातें नहीं जानती वह सिर्फ अपने बड़े नेताओं को सुना करती हैं।
उपाध्याय ने कहा 6 बार के जीते विधायक बंशीधर भगत की उनकी सरकार में बिल्कुल नहीं चलती और न ही सांसदों की अन्यथा उनके कहने के बाद भी निर्माण खंड खेतों के बीच भविष्य में सर्वे करने की बात नहीं करता हमारे साथ साथ हमारे पूर्वज भी दोषी हैं कि उन्होंने एक गैर जिम्मेदार व्यक्ति भगत को विधानसभा लगातार चुनकर भेजना सही समझा,जबकि विधायक सिर्फ पुत्र मोह जानते हैं खेत और किसान मोह से उनका कोई वास्ता नहीं।
आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आंदोलनकारी किसान पुत्र उपाध्याय ने कहा कि अभी प्रशासन को कहा गया हैं 10 दिन आंदोलन शांतिपूर्ण चलेगा लेकिन इस बीच वह 79 पुतले बनाएंगे जिसमें सभी 70 विधायक,5 सांसद,2 राज्यसभा सांसद,जिलाधिकारी और मुख्य सचिव का होगा जो धरना स्थल पर लगा दिए जाएंगे उनका दहन कब कब कैसे कैसे करना हैं यह समय आने पर तय किया जाएगा अभी बस इतना कहना हैं कि लगेगी आग तो आयेंगे और कई घर जद में,इस गांव में एक मेरा मकान थोड़ी न है।
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