यूसीसी के विरोध में यूकेडी की युवा हुंकार संस्कृति बचाओ पदयात्रा,यात्रा मार्ग का रूट जारी

हल्द्वानी।

उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने समान नागरिक संहिता (UCC) के कुछ प्रावधानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके तहत “युवा हुंकार संस्कृति बचाओ पदयात्रा” का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा का उद्देश्य “लिव-इन-रिलेशन” और “एक वर्ष से अधिक निवास करने वाले व्यक्ति को स्थायी निवासी मानने” संबंधी प्रावधानों के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है।

 

यात्रा का रूट एवं प्रमुख पड़ाव

यह 10 फरवरी 2025 को हरिद्वार के गुरुकुल नारसन (रुड़की) से शुरू हो चुकी है और 18 फरवरी 2025 को नीति (चमोली) में संपन्न होगी। यह पदयात्रा उत्तराखंड के विभिन्न प्रमुख स्थलों से होकर गुजरेगी। यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है—

 

10 फरवरी – गुरुकुल नारसन (रुड़की)

 

11 फरवरी – ऋषिकेश

 

12 फरवरी – देवप्रयाग

 

13 फरवरी – श्रीनगर

 

14 फरवरी – पौड़ी

 

15 फरवरी – कर्णप्रयाग

 

16 फरवरी – रुद्रप्रयाग

 

17 फरवरी – गोपेश्वर, जोशीमठ

 

18 फरवरी – मलारी, नीति (यात्रा समापन)

 

 

यूसीसी के प्रावधानों पर विरोध

उत्तराखंड में लागू किए गए समान नागरिक संहिता (UCC) में कुछ प्रावधानों को लेकर यूकेडी ने आपत्ति जताई है। विशेष रूप से—

 

1. लिव-इन-रिलेशन को कानूनी मान्यता दिए जाने पर विरोध जताया गया है, जिसे यूकेडी उत्तराखंड की संस्कृति के खिलाफ मानता है।

 

 

2. उत्तराखंड में एक साल से अधिक निवास करने वाले व्यक्ति को स्थायी निवासी का दर्जा देने को लेकर चिंता जताई गई है। दल का मानना है कि इससे बाहरी लोगों की संख्या में वृद्धि होगी और राज्य की सांस्कृतिक व सामाजिक संरचना प्रभावित होगी।

 

 

 

यूकेडी का रुख

उत्तराखंड क्रांति दल का कहना है कि यह यात्रा केवल विरोध प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य प्रदेशवासियों को जागरूक करना भी है। दल के नेताओं का मानना है कि अगर सरकार ने इन प्रावधानों को नहीं बदला, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

 

यूकेडी के पदाधिकारी यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर सभाएं करेंगे और स्थानीय लोगों को इन प्रावधानों के प्रभावों के बारे में जानकारी देंगे।

 

समाज में बढ़ती जागरूकता

युवा पीढ़ी में अपनी संस्कृति को लेकर बढ़ती चिंता को देखते हुए यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने भी इस यात्रा का समर्थन किया है।

 

आगे की रणनीति

यात्रा के समापन के बाद यूकेडी आगे की रणनीति तय करेगा। अगर सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो यह आंदोलन और उग्र हो सकता है।

 

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