देहरादून, 1 जून 2025 | विशेष रिपोर्ट — ‘Pahadpan’
LUCC घोटाले के खिलाफ संघर्ष कर रहीं महिलाओं का ग़ुस्सा आज राजधानी देहरादून में फूट पड़ा। करीब डेढ़ महीने से श्रीनगर (गढ़वाल) में शांतिपूर्वक धरने पर बैठी महिलाओं ने आज मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया, लेकिन रास्ते में ही उन्हें पुलिस बल ने रोक लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित महिलाओं के अनुसार, पुलिस ने प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल प्रयोग किया और कई महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिए गए, ताकि उन्हें डराया और तितर-बितर किया जा सके।
इस शर्मनाक कार्रवाई से पूरे राज्य में आक्रोश की लहर दौड़ गई है।
घटनाक्रम के मुख्य बिंदु:
LUCC घोटाले से पीड़ित महिलाएं, श्रीनगर से लगातार कर रही थीं धरना प्रदर्शन
आज देहरादून में मुख्यमंत्री आवास की ओर किया गया कूच
महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा धक्का-मुक्की, बदसलूकी और कपड़े फाड़ने के आरोप
मौके पर पहुंचे मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक लुसुन टोडरिया सहित अन्य लोगो को गिरफ्तार किया गया है
आंदोलन की पृष्ठभूमि:
LUCC घोटाले ने राज्य के कई उत्तराखंड के स्थानीय नागरिक और महिलाएं मानसिक रूप से प्रताड़ना झेल रही है, श्रीनगर (गढ़वाल) में महिलाएं बीते 1 से डेढ़ महीने से शांतिपूर्ण धरने पर बैठी थीं, लेकिन जब उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई तो उन्होंने देहरादून में सरकार के सामने सीधी कार्यवाही का रास्ता अपनाया।
अब उठ रहे सवाल:
क्या शांतिपूर्ण ढंग से न्याय मांगना अब राज्य में अपराध है?
क्या महिलाओं को अपनी ज़मीन, पहचान और अधिकार बचाने के लिए अपमानित किया जाएगा?
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा क्या अब सिर्फ एक दिखावा है?
इस पूरे घटनाक्रम उक्रांद युवा कार्यकारी अध्यक्ष कुसुम लता बौड़ाई ने कहा कि :-
उत्तराखंड की असली बेटियां जब अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाती हैं, तो उन्हें पुलिसिया ज़ुल्म, गिरफ़्तारी और सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ता है। यह केवल एक घोटाले का मुद्दा नहीं, यह पहाड़ की अस्मिता, उसकी मातृशक्ति और न्याय की लड़ाई का सवाल है।
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