हरिद्वार : उत्तराखंड की राजनीति में आज बड़ा भूचाल आया है। रानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आदेश चौहान को सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। मामला वर्ष 2009 में पुलिस कस्टडी में हुई मारपीट से जुड़ा है। इस मामले में कुल पांच लोगों को दोषी ठहराया गया है, जिनमें विधायक आदेश चौहान, उनकी भतीजी दीपिका और तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं। हालांकि, तीन दोषी पुलिसकर्मियों में से एक की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।
सीबीआई कोर्ट ने आदेश चौहान और उनकी भतीजी को छह-छह माह की सजा सुनाई है, जबकि बाकी दो पुलिसकर्मियों को एक-एक साल की सजा दी गई है।
क्या है मामला?
शिकायतकर्ता डीएस चौहान के अनुसार, विधायक की भतीजी दीपिका की शादी उनके बेटे मनीष से हुई थी। पारिवारिक विवाद के चलते मामला गंगनहर थाने पहुंचा। 11 जुलाई 2009 को शिकायतकर्ता को पांच लाख रुपये लेकर थाने बुलाया गया, जहां मौजूद विधायक, उनकी भतीजी और पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में रखकर मारपीट की। बाद में तीसरे दिन मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई सीबीआई जांच
पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए। जांच में सभी आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके बाद सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई और आखिरकार आज 26 मई को फैसला सुनाया गया।
राजनीतिक हलकों में हलचल
सीबीआई कोर्ट का यह फैसला आते ही उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई है। आदेश चौहान वर्तमान में हरिद्वार की रानीपुर सीट से भाजपा विधायक हैं। उनके खिलाफ आए इस फैसले ने सत्ताधारी दल के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
यह मामला उत्तराखंड में राजनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर एक बार फिर सवाल खड़ा करता है।
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