रुद्रप्रयाग, 4 सितम्बर।
जिला एवं सत्र न्यायालय रुद्रप्रयाग ने जिला पंचायत चुनाव से जुड़े एक अहम मामले में बड़ा आदेश पारित किया है। अदालत ने वार्ड–11 कंडारा से विजयी प्रत्याशी अजयवीर सिंह भंडारी को शपथ ग्रहण और पदभार ग्रहण करने से अंतरिम रूप से रोक दिया है।
यह मामला निर्वाचन वाद संख्या 06/2025 (सुमन सिंह बनाम राज्य सरकार एवं अन्य) से संबंधित है। याची सुमन सिंह ने चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं कि विजयी प्रत्याशी भंडारी का नाम वर्ष 2025 की दो अलग-अलग निर्वाचन नामावलियों — जनपद देहरादून और रुद्रप्रयाग — में दर्ज है। याची का तर्क है कि यह स्थिति उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम 2016 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
अदालत की कार्यवाही
याची पक्ष ने अधिनियम की धारा 131-H एवं जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 व 18 का हवाला देते हुए चुनाव परिणाम को अवैध बताया।
प्रतिवादी पक्ष की ओर से दलील दी गई कि दोहरी प्रविष्टि को लेकर अधिनियम में कोई स्पष्ट अयोग्यता का प्रावधान नहीं है और नामांकन विधिसम्मत रहा।
न्यायालय ने अभिलेखों और दलीलों पर विचार करते हुए पाया कि याची द्वारा उठाए गए मुद्दे prima facie (प्रथम दृष्टया) गंभीर विधिक प्रश्न बनाते हैं।
अंतरिम आदेश
जिला एवं सत्र न्यायाधीश साहदेव सिंह ने आदेश पारित करते हुए कहा कि—
“वाद के अंतिम निर्णय तक प्रतिवादी क्रमांक-4 श्री अजयवीर सिंह भंडारी को वार्ड-11, कंडारा, जिला पंचायत सदस्य रुद्रप्रयाग के पद हेतु शपथ ग्रहण एवं दायित्व ग्रहण करने से रोका जाता है।”
आगे की सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 26 सितम्बर 2025 को होगी।
इस मामले में याची सुमन सिंह की ओर से अधिवक्ता प्यार सिंह नेगी एवं पंकज चौधरी ने पैरवी की।
यह फैसला अन्य उन प्रत्याशियों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है, जिनका नाम एक से अधिक निर्वाचन नामावलियों में दर्ज है।
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