ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत देवप्रयाग से जनासू के बीच बनी सबसे बड़ी टनल आज नए विवाद की चपेट में आ गई है। इस टनल के निर्माण में दिन-रात खून-पसीना बहाने वाले मजदूर और कर्मचारी अब अपने हक के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
मजदूरों और कर्मचारियों का आरोप है कि इस टनल निर्माण में एलएनटी कंपनी ने उनके फंड और बोनस का भुगतान नहीं किया है। उनके मुताबिक कंपनी ने लंबे समय से उनके जमा फंड को दबा रखा है, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।
यूकेडी ने दी चेतावनी
उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने इस पूरे मामले में मजदूरों का समर्थन करते हुए एलएनटी और सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। यूकेडी के जिलाध्यक्ष अर्जुन नेगी ने कहा है कि यदि शीघ्र ही मजदूरों और कर्मचारियों को उनका फंड और बोनस नहीं दिया गया तो एलएनटी कंपनी को सीधे हाईकोर्ट में घसीटा जाएगा और प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
सरकार और कंपनी दोनों सवालों के घेरे में
एक ओर सरकार इस परियोजना को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताकर वाहवाही लूट रही है, वहीं दूसरी ओर इस उपलब्धि के पीछे खड़े असली नायकों — मजदूरों और कर्मचारियों — के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। इससे सरकार की नीयत और कंपनी की नीति दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मजदूरों की मांगें:
जमा फंड और बोनस का तत्काल भुगतान
भविष्य निधि में पारदर्शिता
एलएनटी कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
इस आंदोलन के और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा न केवल उत्तराखंड में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी गूंज सकता है।
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