पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।
जब किसी गांव की बेटी सीमित संसाधनों के बावजूद राष्ट्रीय पहचान बना लेती है, तो वो न सिर्फ खुद का नाम रोशन करती है, बल्कि अपने पूरे गांव, ज़िले और राज्य के लिए प्रेरणा बन जाती है। पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक के गांव डोभा से ताल्लुक रखने वाली मीरा उनियाल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। मीरा का चयन अंडर-20 इंडिया रगबी कैंप के लिए हुआ है, जो आगामी 3 जुलाई से 6 अगस्त 2025 तक SAI नेताजी सुभाष पूर्वी केंद्र, कोलकाता में आयोजित किया जा रहा है।
यह उपलब्धि केवल एक खिलाड़ी की व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह उस संघर्ष, मेहनत और लगन की जीत है जो मीरा जैसे युवा मैदान से बाहर रोज़ाना झेलते हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद मीरा ने खुद को इतने प्रतिस्पर्धी खेल में स्थापित किया, जहाँ केवल फिटनेस नहीं, बल्कि फोकस, अनुशासन और मानसिक संतुलन भी जरूरी होता है।
परिवार से मिली प्रेरणा, शहर में किया संघर्ष
मीरा का मूल गांव भले ही डोभा हो, लेकिन अपनी पढ़ाई और खेलों के बेहतर अवसरों के लिए वह अब शहर में रह रही हैं। वहां रहकर उन्होंने एक-एक स्तर पर खुद को निखारा और इस मुकाम तक पहुंचने के लिए हर चुनौती को स्वीकार किया।
मीरा बताती हैं कि “शुरुआत में रगबी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन जैसे-जैसे खेल में रुचि बढ़ी, वैसे-वैसे मैंने खुद को इसके लिए तैयार किया। मैदान में हर दिन अभ्यास, चोटें, थकान – सब झेली, लेकिन पीछे मुड़कर नहीं देखा।”
मीरा ने यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने शुरुआत में चिंता ज़रूर जताई, लेकिन बाद में उनका साथ बन गया। अब मीरा का सपना है कि भारत की राष्ट्रीय महिला रगबी टीम का हिस्सा बनकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करें।
उत्तराखंड से कुल चार खिलाड़ियों का चयन
मीरा उनियाल के साथ उत्तराखंड से तीन अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का भी चयन हुआ है — हरिद्वार की संतोषी कुमारी, शिवालिक नगर के शिवम कुमार और उत्तरकाशी की मेहक चौहान। इनमें से कई खिलाड़ियों ने पूर्व में इंडिया गेम्स 2024 और राष्ट्रीय रगबी प्रतियोगिताओं में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया है।
उत्तराखंड रगबी एसोसिएशन के कोच आयुष सैनी, अध्यक्ष सूर्यकांत सैनी, सचिव यशवंत सिंह और आकांक्षा सिंह ने चारों खिलाड़ियों को चयन के लिए शुभकामनाएं दीं और भरोसा जताया कि ये युवा खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे।
राज्य में रगबी को मिल रही नई पहचान
रगबी, एक ऐसा खेल है जो उत्तराखंड में अभी अपने शुरुआती विकास दौर में है। इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में इस खेल में राज्य के युवाओं ने लगातार अपनी जगह बनानी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि इस खेल में लड़कियों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, और मीरा जैसी बेटियां इसके सबसे चमकदार उदाहरण हैं।
राज्य सरकार और खेल संस्थाओं से अपेक्षा है कि वे ऐसी प्रतिभाओं को जरूरी प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता और मनोबल प्रदान करें, ताकि उत्तराखंड के खिलाड़ी केवल प्रतिभा तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें मंच और अवसर भी मिलें।
पहाड़ की बेटी, देश की उम्मीद
मीरा उनियाल की सफलता यह बताती है कि उत्तराखंड की बेटियां किसी भी मैदान में पीछे नहीं हैं। गांव से शहर और फिर राष्ट्रीय कैंप तक का उनका सफर समाज के लिए यह संदेश है कि बेटियों को अवसर दें, वे खुद मंज़िल तक पहुंचने का रास्ता बना लेंगी।
‘पहाड़पन न्यूज़’ की पूरी टीम की ओर से मीरा उनियाल और उनके साथ चयनित सभी खिलाड़ियों को ढेरों बधाइयाँ और शुभकामनाएं। यह तो शुरुआत है — अगला लक्ष्य भारतीय टीम की जर्सी पहनकर अंतरराष्ट्रीय मैदान में उतरना है!
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